राजस्थानी साहित्य जगत के प्रथम कहानीकार थे स्व. मुरलीधर व्यास राजस्थानी : मस्ताना
मुरलीधर व्यास राजस्थानी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
बीकानेर, (समाचारसेवा)। राजस्थानी साहित्य जगत के प्रथम कहानीकार थे स्व. मुरलीधर व्यास राजस्थानी : मस्ताना, मुरलीधर व्यास राजस्थानी स्मृति संस्थान के सदस्य आनंद पुरोहित मस्ताना ने कहा कि स्व. मुरलीधर व्यास राजस्थानी साहित्य जगत में प्रथम कहानीकार थे।
मस्ताना बुधवार को आधुनिक राजस्थानी कहानी के जनक मुरलीधर व्यास राजस्थानी की 38वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्व. व्यास ने लघु कथाएं, लोक कथाएं, संस्मरण, रिपोर्ट, नाटक, निबंध, दोहे, सोरठे भी लिखे।
समारोह में स्व. मुरलीधर व्यास के पड़पौत्र तथा युवा साहित्यकार व्यास योगेश राजस्थानी ने स्व. व्यास के व्यक्तिगत कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुरलीधर व्यास ने उस दौर में राजस्थानी भाषा में लिखना शुरू किया, जब यहां अंग्रेजों का शासन था और अंग्रेजी बोलना लिखना अधिक चलन में थे।
साहित्य सृजन में उन्होंने अनेक चुनौतियों का सामना किया। वह राजस्थानी भाषा के जीवंत रूप थे। राजस्थानी भाषा उनके रग-रग में समाई हुई थी। युवा गीतकार गोपाल पुरोहित अवांछित ने बताया कि मुरलीधर व्यास कहानीकार के साथ साथ कवि भी थे। भक्ति रस की उनकी रचनाएं कल्याण जैसी स्तरीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई।
पीयूष जांगिड़ ने कहा कि मुरलीधर व्यास ने सामाजिक विद्रूपताओं के विरुद्ध लेखनी चलाई। उनकी रचनाएं गूढ़ अर्थ लिए हुए होती, साथ ही उन्हें समझना पाठक के लिए आसान होता। शुभम व्यास ने आगंतुकों का आभार जताया। कार्यक्रम में मधुकर जोशी, कुनाल गहलोत, लक्की व्यास, माधव व्यास, दीक्षा पुरोहित, हर्षिता स्वामी, योगिता पारीक आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम मुरलीधर व्यास राजस्थानी स्मृति संस्थान और स्टूडेंट सॉल्यूशन क्लासेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
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