NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। हिंग्लिश नहीं शुद्ध हिन्दी का प्रयोग करें कार्मिक – डॉ. नीरज कुमार, संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज कुमार पवन ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को लोक व्यवहार में प्रचलित ‘हिंग्लिश‘ के प्रयोग से बचते हुए, शुद्ध हिन्दी का प्रयोग करना चाहिये तथा उनको प्रशासनिक शब्दावली के मानक रूप का भी ध्यान रखना चाहिये।
डॉ. पवन मंगलवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय में हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित ‘सरकारी कार्यालयों में हिन्दी का प्रयोग’ विषयक संभाग स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि राजकीय कार्यों में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास किये जायें।
डॉ. पवन ने निर्देश दिए कि अधिकारी-कर्मचारी राज्य सरकार द्वारा हिन्दी के प्रयोग के सम्बन्ध में समय-समय पर जारी किए गए परिपत्रों-आदेशों का सजगता से अवलोकन करें। संगोष्ठी में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए. एच. गौरी, स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग के अतिरिक्त निदेशक अरविन्द बिश्नोई ने भी विचार रखे।
राजभाषा सम्पर्क अधिकारी व राजस्थानी भाषा अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि राजकीय पत्रों पर हस्ताक्षर, सरकारी कार्यां में प्रयुक्त रबर की मोहरें, चिकित्सकीय प्रमाण पत्र, अनुशासी कार्यवाही, पेंशन सम्बन्धी कार्यवाही आदि हिन्दी में ही होनी अनिवार्य है।
इस दौरान संभाग के विभिन्न जिलों से आये अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।