जयपुर, (समाचार सेवा)।देश की पूर्व प्रधानमंत्री
स्व. इंदिरा गांधी के नाम पर राजस्थान सरकार की एक हजार करोड़ रूपए की आईएम शक्ति निधि
योजना महिला स्वयं सहायता समूहों को करोड़पति बना सकती है। योजना के तहत महिला स्वयं
सहायता समूहों तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस निधि से एक करोड़ रूपए तक
का ऋण मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार 18 दिसंबर
को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान दुर्गापुरा के ऑडिटोरियम
में इंदिरा महिला शक्ति (आई एम शक्ति) निधि की योजनाओं का शुभारम्भ किया। इसके तहत
सरकार ने प्रतिवर्ष 200 करोड़ रूपए यानी कुल पांच वर्ष के लिए एक हजार करोड़ रूपए का
प्रावधान किया है। इस निधि से उद्यम के लिए ऋण अनुदान के तहत पांच हजार महिला स्वयं
सहायता समूहों यानी इससे जुड़ी करीब 50 हजार महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा।
इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना
के माध्यम से महिलाओं अथवा महिला स्वयं सहायता समूहों को एक करोड़ रूपए तक के ऋण मिल
सकेंगे, इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवद्र्धन योजना के तहत 75 हजार महिलाओं एवं
बालिकाओं को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण, इंदिरा महिला शक्ति लेखा प्रशिक्षण योजना
के तहत 5,000 महिलाओं को लेखांकन का प्रशिक्षण जैसी गतिविधियों का संचालन
भी होगा। इंदिरा महिला शक्ति शिक्षा सेतु योजना के तहत ड्रॉपआउट बालिकाओें और शिक्षा
से वंचित रही महिलाओं को राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के माध्यम से पढ़ाई के लिए फीस का
पुनर्भरण किया जाएगा।
इसका लाभ 50 हजार बालिकाओं और
महिलाओं को मिलेगा। इंदिरा महिला शक्ति कौशल सामथ्र्य योजना में भी 10 हजार महिलाओं को कौशल
प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ‘आई एम शक्ति‘ निधि के तहत संचालित
योजनाओं के शुभारम्भ पर प्रदेशभर की महिलाओं को बधाई दी। कार्यक्रम में महिला
एवं बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश ने कहा कि यह फण्ड मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, महिला एवं बाल विकास
विभाग के सचिव डॉ. के.के. पाठक ने भी विचार रखे। समारोह में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह
खाचरियावास, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, वन एवं पर्यावरण राज्य
मंत्री सुखराम विश्नोई, उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी, राज्य बाल अधिकार संरक्षण
आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल आदि उपस्थित थे।