NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। यज्ञ सम्राट स्वामी प्रखर जी महाराज ने कहा कि ब्राह्मण केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि चरित्र है। यह चरित्र हर युग में विद्यमान रहता है। महाराज विप्र फाउंडेशन की ओर से धरणीधर रंगमंच में 200 कुण्डीय गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ के संबंध में आयोजित विशेष सभा को संबोधित कर रहे थे।
सभा की अध्यक्षता करते हुए महाराज जी ने कहा कि शास्त्र और शिक्षा ब्राह्मण के बिना अधूरी हैं। ब्राह्मणत्व केवल जाति नहीं, बल्कि आचरण और विचारों की धरोहर है, जो समाज को धर्म और संस्कृति की ओर अग्रसर करता है। उन्होंने कहा कि विप्र समाज हमेशा सर्वमंगल और विश्वकल्याण की कमान संभालता आया है और भविष्य में भी यही उसका धर्म रहेगा।
समाज सेवी रामकिशन आचार्य ने पुष्कर में आगामी वर्ष में 8 मार्च से 19 अप्रैल तक आयोजित होने वाले गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ में अधिकाधिक भागीदारी का आह्वान किया। संत डॉ. सज्जन प्रसाद तिवारी ने कहा कि धर्म रक्षा प्रत्येक मानव का परम कर्तव्य है। प्रदेश अध्यक्ष धनसुख सारस्वत ने कह कि विप्र फाउंडेशन सदैव धर्म, संस्कृति और विप्र समाज के उत्थान के लिए तत्पर रहेगा।
संगठित रहे विप्र समाज
नरेश पुरोहित ने आभार ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि धर्म और संस्कृति के उत्थान हेतु विप्र समाज को इसी प्रकार संगठित रहना चाहिए। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ महाराज जी के सान्निध्य में मां गायत्री एवं भगवान परशुराम के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। संचालन विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव भंवर पुरोहित ने किया।
विशेष सभा में विप्र संगठन से जुड़े धनसुख सारस्वत, दीपक हर्ष, नारायण पारीक, किशन जोशी, अमित व्यास, दिनेश ओझा, रमेश उपाध्याय, नरेश पुरोहित, तन्नू काका, पंकज पीपलवा, प्रकाश उपाध्याय, विजय पाईवाल, चंद्रकला आचार्य, सीमा जोशी, शिला आचार्य, लक्ष्मी देवी पुरोहित, जेठादास पुरोहित, महेंद्र चुरा, मुकुंद व्यास, हेमंत शर्मा, राजा व्यास, पवन पुरोहित, युवराज व्यास, कैलाश सारस्वत, दिनेश व्यास सहित बड़ी संख्या में गणमान्य एवं वरिष्ठजन उपस्थित रहे।


