खेजड़ली शहीदों की याद में शारजाह में रौपे खेजड़ी के 363 पौधे

363 Khejdi saplings planted in Sharjah in memory of Khejdli martyrs
363 Khejdi saplings planted in Sharjah in memory of Khejdli martyrs

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) खेजड़ली शहीदों की याद में शारजाह में रौपे खेजड़ी के 363 पौधे, अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण शिखर सम्मेलन में भाग लेने दुबई पहुंचे भारतीय व विदेशी प्रतिनिधियों ने गुरुवार को 363 खेजड़ली शहीदों की याद में शारजाह में स्काईलाइन यूनिवर्सिटी के क्रिकेट मैदान में 363 खेजड़ी के पौधे रौपे।

363 Khejdi saplings planted in Sharjah in memory of Khejdli martyrs….

यहां अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण शिखर सम्मेलन 4-5 फरवरी को आयोजित होगा। शारजाह में हुए पौधरोपण कार्यक्रम में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुड़िया, जाम्भाणी साहित्य अकादमी की अध्यक्षा डॉ. इंद्रा बिश्नोई, गौंबूक एनजीओ के फाउंडर तातियाना अंतोलिनी, विक्टोरिया स्पोर्ट्स अकादमी के शाकिर हुसैन, पर्यावरण सम्मेलन के संयोजक रमेश बाबल आदि शामिल रहे।

363 Khejdi saplings planted in Sharjah in memory of Khejdli martyrs.
363 Khejdi saplings planted in Sharjah in memory of Khejdli martyrs.

पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि खेजड़ी यूएई का राष्ट्रीय वृक्ष भी है। वक्‍ताओं ने खेजड़ली शहीदों को श्रद्धांजलि दी व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। संयोजक रमेश बाबल ने बताया कि खेजड़ी के 363 पौधे यूएई में सहयोगी संस्था एनजीओ गौंबूक द्वारा एक कंपनी के सहयोग से स्पान्सर किये गए।

कार्यक्रम में महासभा अध्यक्ष देवेंद्र बुड़िया ने कहा कि खेजड़ी के पेड़ लगाना ही खेजड़ली के शहीदो को सच्ची श्रद्धांजलि है। जाम्भाणी साहित्य अकादमी की अध्यक्षा डॉ. इंद्रा बिश्नोई ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में जाम्भाणी सिद्धांतों का प्रचार प्रसार में खेजड़ी बहुत सहायक सिद्ध होगी।

गौंबुक की फाउंडर तातियाना अंतोलिनी ने बताया कि पेड़ो के लिए 363 नर-नारियो का बलिदान देना अपने आप में एक अनूठी घटना है। पूरे विश्व को बिशनोई समाज से पर्यावरण संरक्षण की सीख लेने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में आर. के. बिश्नोई, मुकेश शर्मा, लालासर साथरी के युवा महंत स्वामी सच्चिदानन्द आचार्य, बिश्नोई महासभा के उपाध्यक्ष पतराम बिश्नोई, डॉ. सुरेंद्र खिचड़, कल्पेश खिलेरी, छोगेश पुनिया, एडवोकेट संदीप धारणियां, अशोक कडवासरा, भागचंद धायल, सहीराम खीचड़, रामस्वरूप खीचड़, रामधन माल, सुनील धायल, विकास धायल, सुरेश भादू आदि उपस्थित रहे।