भारत की संस्कृति इतिहास परंपरा पर किसी एक विचारधारा का आधिपत्य नहीं-प्रो. अजमेर  सिंह मलिक

There is no dominance of any one ideology on the cultural and historical tradition of India – Prof. Ajmer Singh Malik
There is no dominance of any one ideology on the cultural and historical tradition of India – Prof. Ajmer Singh Malik

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) भारत की संस्कृति इतिहास परंपरा पर किसी एक विचारधारा का आधिपत्य नहीं-प्रो. अजमेर  सिंह मलिक, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति प्रो. अजमेर  सिंह मलिक ने कहा कि भारती की संस्कृति इतिहास परंपरा पर किसी एक विचारधारा का आधिपत्य नहीं हैं।

प्रो. सिंह शनिवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर में ट्रांसफॉरमैंटिक जर्नी ऑफ भारत ड्यूरिंग लास्ट डिकेड विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ सत्र को मुख्‍य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

उन्‍होंने कहा कि  भारत के स्थापना की परंपरा सांस्कृतिक वातावरण में निरंतर व्याप्त रही है। भारत अनाधिकाल से सनातन रहा हैं और कुरूतियों को समाप्त कर अच्छाईयों की ओर अग्रसर हैं। प्रो. सिंह ने कहा कि हम अपने दायित्वों को बखूबी से निर्वहन कर रहे हैं।

ट्रांसफॉरमैशन शब्द का अर्थ व प्रयोग बताया चर्चाओं

इससे पूर्व एमजीएस यूनिवर्सिटी की मीडिया प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के माल्यार्पण के साथ की गयी। इस अवसर पर संगोष्ठी स्मारिका का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।  अध्यक्षीय संबोधन में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित द्वारा ट्रांसफॉरमैशन शब्द के अर्थ व प्रयोग के बारे में बताया।   कुलपति ने साझा किया कि भारत आज विभिन्न मंचों पर अपनी शक्ति के अनुभव को प्रदर्शित कर रहा है।

सहभागियों को प्रेरणा लेने का आह्वान

कुलपति ने संगोष्ठी में होने वाली चर्चाओं से सहभागियों को प्रेरणा लेने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता एवं भारतीय राजनीति विज्ञान के महासचिव प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि राजनीति विज्ञान परिषद के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए आजादी के बाद भारत के विकास की अवधारणा पर प्रकाश डाला।

थार इंडिया से भारत की यात्रा

संगोष्ठी के विशिष्ठ अतिथि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षाविद् प्रो. कौशल किशोर मिश्रा ने थार इंडिया से भारत की यात्रा पर प्रकाश डाला, उन्होने कहा कि भारत का रामराज्य, भारत की चेतना, आत्मा, विकास एवं ज्ञान की खोज ही नहीं अपितु आध्यात्मिक मानवता को कोशता हैं।

दक्षता के फलस्वरूप भारत को मिला सम्‍मान

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अम्बरीशशरण विद्यार्थी ने कहा कि विश्व ने भारत को जो आज महत्व दिया हैं, यह उसकी दक्षता के फलस्वरूप मिला हैं। इस बात की आवश्यकता हैं कि हम अपने समाज को बढावा दें, अपने संसाधनों को नयी दृष्टि से उपयोग करे।

अतिथियों का स्वागत

संगोष्ठी के प्रारंभ में आयोजन सचिव डॉ. बबिता जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुये संगोष्ठी की रूपरेखा पर प्रकाश डाला तथा धन्यवाद ज्ञापन संगोष्ठी समन्वयक प्रो. साधना भंडारी द्वारा किया गया। संगोष्ठी में आज चार तकनीकी सत्र आयोजित हुये।