महाराजा गंगासिंह विवि में जल्‍द बनेगा सुभाष चन्‍द्र बोस पार्क – प्रो. मनोज दीक्षित  

Subhash Chandra Bose Park will soon be built in Maharaja Ganga Singh University – Prof. Manoj Dixit 23BKN PH-3
Subhash Chandra Bose Park will soon be built in Maharaja Ganga Singh University – Prof. Manoj Dixit 23BKN PH-3

एमजीएसयू इतिहास विभाग ने नेताजी की याद में किया राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)महाराजा गंगासिंह विवि में जल्‍द बनेगा सुभाष चन्‍द्र बोस पार्क प्रो. मनोज दीक्षित, स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानी नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की याद में महाराजा गंगासिंह विश्‍वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर परिसर में सुभाष पार्क बनाया जाएगा।

यह घोषणा मंगलवार को विवि परिसर में इतिहास विभाग द्वारा नेताजी की याद आयोजित राष्ट्रीय परिसंवाद कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए विवि कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने की। इस अवस पर कुलपति ने नेताजी के स्वर्णिम युग को इतिहास में अतुलनीय बताया।

विवेकानंद की परंपरा के नेता थे बोस

उन्‍होंने मुखर्जी कमीशन का ज़िक्र करते हुये कहा कि बोस स्वामी विवेकानंद की परंपरा के नेता थे और जिस विमान हादसे में नेताजी को शहीद होना बताया जाता है, दस्तावेज़ों में ऐसा कोई हादसा अंकित ही नहीं है। प्रो. दीक्षित के अनुसार देश की सरकारें सदा ही नेताजी के अंत पर चुप्पी साधे रहीं हैं।

मुख्य वक्ता दर्शनशास्त्री प्रो. राजनारायण व्यास ने कहा कि नेताजी के संबंध में भारतीय जन मानस आज तक अपने को छला हुआ महसूस करते हैं। प्रो. व्‍यास ने कहा कि आज तक नेताजी के मृत्यु के कारणों को सार्वजनिक क्‍यों नहीं किया गया है। ये अन्वेषण का विषय है।

नेताजी ने अंतरराष्टीय पटल पर रखा स्वाधीनता का मुद्दा

आयोजन सचिव इतिहास विभाग की डॉ. मेघना शर्मा ने नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस को भारत की स्वतंत्रता में एक ऐसी प्रेरक शक्ति बताया जिसने राष्ट्र की स्वाधीनता के मुद्दे को अंतरराष्टीय पटल पर रेखांकित करवाया। विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार छंगाणी ने विद्यार्थियों से नेताजी के जीवन से सीखने का आह्वान किया व दृढ़ निश्चय को अपनेआप में सबसे बड़ा मोटिवेशन बताया।

इससे पूर्व परिसंवाद कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर माँ सरस्वती की प्रतिमा व नेताजी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पांजलि अर्पित की गई। परिसंवाद में ऐश्वर्या, कुलदीप, निधि, हिमांशु आदि छात्र-छात्राओं ने भी विचार रखे। कुलसचिव अरुण प्रकाश शर्मा ने आभार जताया। संचालन इतिहास विभाग के छात्र निखिल सिंह ने किया।