एमफिल से पीएचडी में प्रमोट करने की मांग पर धरना
एमजीएसयू बीकानेर के कुलपति को सौंपा ज्ञापन
बीकानेर, (समाचार सेवा)। एमफिल से पीएचडी में प्रमोट करने की मांग पर धरना, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर के एमफिल के विद्यार्थियों ने एमफिल से पीएचडी में क्रमोन्नत करने की मांग पर मंगलवार को भी कुलपति सचिवालाय पर धरना जारी रखा।
शोधाथर्ही यहां दो दिन से धरने पर हैं। धरनार्थियों का कहना है कि एमजीएसयू को राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों की भांति अपने एमफिल के विद्यार्थियों को पीएचडी में प्रमोट करना चाहिये।
आंदोलनकारी विद्यार्थियों का कहना है कि यदि विवि ने ऐसा नहीं किया तो वे अपनी एमफिल की डिग्री का बहिष्कार कर देंगे। हम यह एमफिल की डिग्री लेंगे ही नहीं। धरनार्थियों ने कुलपति को ज्ञापन देकर मांग की है कि एम. फिल के सभी शोधार्थीयों जिन्होने एमपीसीईटी 2018 का कोर्स वर्क पूरा किया है उन सभी को पीएच. डी. में प्रमोट किया जाए।
सभी शोधार्थियों की जेआरएफ की अवधि को ध्यान में रखते हुए 30 जून 2022 से पहले पी.एच.डी. में क्रमोन्नत किया जाये। ज्ञापन में एम. फि शोधार्थियों को जल्द क्रमोनत किया जाए। ज्ञापन में बताया गया है कि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में शोधार्थियों को जिस प्रकार एम. फिल से पी.एच.डी में प्रमोट किया है उसी प्रकार एमजीएसयू बीकानेर के शोधार्थियों को भी क्रमोन्नत किया जाए।
आंदोलनकारी शोधार्थियों ने बताया कि सभी शोधार्थी 2018 एमपीसीईटी से अब तक एमफिल पूरी नहीं कर पाए हैं। जबकि यह कोर्स 18 महीने का होता है। इन शोधार्थियों को यदि विवि जून माह तक पीएचडी में प्रवेश नहीं देता है तो सभी शोधार्थियों की जेआरएफ बंद हो जाएगी।
इससे प्रति शोधार्थी को 15-15 लाख रुपये का आर्थिक नुकसान हो सकता है। शोधार्थियों के अनुसार जेआरएफ के शोधार्थियों की फेलोशिप विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण बंद होने वाली है। उनकी मांग है कि छात्र हित में इसे बचाना चाहिये।
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