एंथ्रोपोसीन युग में एनिमल प्रोडक्शन मेडिसिन विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार

बीकानेर, (samacharseva.in)। एंथ्रोपोसीन युग में एनिमल प्रोडक्शन मेडिसिन विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार, वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा वेटरनरी इंटरनल एवं प्रिवेंटिव मेडिसिन सोसाइटी एवं इंटास एनिमल हैल्थ के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को “एंथ्रोपोसीन युग में एनिमल प्रोडक्शन मेडिसिन“ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि जूनोटिक बीमारियों के कारण आज पशुचिकित्सकों का महत्व बढ़ गया है। हमें समग्र अप्रोच के माध्मय से पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों को नियंत्रण करना होगा। मुख्य वक्ता वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं राज्यपाल सलाहकार समिति के सदस्य प्रो. ए.के. गहलोत ने बताया कि 75 प्रतिशत जूनोटिक बीमारिया का उद्भव पशुओं से होता है। इसलिए आज के युग में प्रोडक्शन मेडिसिन की महत्ता बढ़ गई है।

आयोजन सचिव डॉ. दीपिका धूड़िया ने बताया कि वेबिनार में देश के विभिन्न राज्यों के 788 पशुचिकित्सकों एवं पशु औषध विज्ञान विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। सोसाइटी के महासचिव डॉ. अशोक कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया।

वेबिनार में डॉ. नितिन भाटिया, डॉ. मुकेश श्रीवास्तव, धर्मसिंह मीणा, डॉ. जे.पी. कच्छावा, डॉ. निलेश शर्मा, डॉ. एस.के. रावल, डॉ. सिद्दकी, डॉ. सुधीर मेहता, डॉ. निलेश सिंधु व डॉ. एस.के. गुप्ता ने भी सक्रिय हिस्सेदारी निभाई।