दीपावली पर कांग्रेस में चलेगी BURST CRACKERS राजनीति
कभी भी आ सकता है चाय के प्याले में तुफान
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। दीपावली पर कांग्रेस में चलेगी BURST CRACKERS राजनीति, कांग्रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद इस दीवाली पर राजस्थान की राजनीति को लेकर कांग्रेस की अंदरुनी पोलिटिक्स में BURST CRACKERS की बड़ी भूमिका रहेगी।
खासकर राजस्थान से फूटने वाले पटाखों पर सबकी नजर रहेगी। राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत या पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जिनके भी पटाखों की आवाज अधिक होगी और उनकी रोशनी अधिक होगी वो ही राजस्थान की राजनीति में चुनावी वर्ष में अपना सिक्का चला सकेगा।
वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दुर्गा पूजा, दशहरा आदि त्याहोरों के दौरान ही ऐसे पटाखें छोड़ चुके हैं जिनकी आवाज की गूंज तथा जिनकी रोशनी की चमक अब तक भी कांग्रेस के बड़े नेताओं के कानों को गूंजा रही है और उनकी आखें अब तक चुंधियायी हुई है।
गहलोत नए पटाखें कौन से फोड़ते हैं यह देखने वाली बात होगी। पायलट को अब फुसकी पटाखों के अलावा सूतली बम, आकाश गंगा जैसे तेज आवाज व तेज रोशनी वाले पटाखे फोड़ने की आवश्यकता होगी।
गहलोत-पायलट विवाद को सुलझाना खड़गे के लिए चुनौती होगा। सचिन को पार्टी में क्या रोल दिया जाए इस प्रश्न का उत्तर पाना भी चकरी घुमाने की तरह होगा। खड़गे जल्द ही राजस्थान में विधायक दल की बैठक फिर बुला सकते हैं। इस खबर के पकने के इंतजार में दिल्ली का मीडिया भी एक टांग पर खड़ा है।
राजस्थान में सियासी संकट का मामला अध्यक्ष चुनाव के कारण ही लंबित था। अब उस पर फिर से कसरत शुरू होगी। अध्यक्ष चुनाव से पहले ही राजस्थान आए खड़गे यहां की गहलोत-पायलट की राजनीति को नजदीक से देख ही चुके हैं।
अब जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाए जाने से फिर सियासत में उबाल आएगा। सीएम-प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चाओं से पार्टी में बड़ी धड़ेबाजी सार्वजनिक होगी।
गहलोत समर्थक कांग्रेसी मल्लिकार्जुन खड़गे से शुरू में बोल्ड फैसले लेने की सोच से आशंकित हैं तो वहीं पायलट खेमे के लोग खड़गे की लिसलिसी भूमिका निभाए जाने की संभावना से परेशान हैं। दोनों खेमों को ऊंट किस करवट बैठता है इसका इंतजार है।
इन सबके बीच एक बात तय है राजस्थान में गहलोत और पायलट गुटों के झगड़े-टंटों को मिटाना खड़गे के लिए बड़ी चुनौती है। अब चाय के प्याले में कब तुफान आएगा सबको इसी का इंतजार है।
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