श्रद्धाभक्ति के साथ मनाया गया आचार्य श्री तुलसी का 25 वां महाप्रयाण दिवस

25th Mahaprayan Day of Acharya Shri Tulsi celebrated with devotion
25th Mahaprayan Day of Acharya Shri Tulsi celebrated with devotion

बीकानेर, (समाचार सेवा)। श्रद्धाभक्ति के साथ मनाया गया आचार्य श्री तुलसी का 25 वां महाप्रयाण दिवस, आचार्य श्री तुलसी का 25 वां महाप्रयाण दिवस पूरे देश भर में एवं उनकी निर्वाण स्थली गंगाशहर में पूरी श्रद्धाभक्ति के साथ मनाया गया।

प्रभारी विनोद भंसाली और जयंत सेठिया ने बताया की कोरोना की विषम परिस्थितियों को देखते हुए 25 वें महाप्रयाण दिवस के दिन की शुरुआत प्रातः 7 बजे से आचार्य तुलसी समाधि स्थल ( नैतिकता का शक्तिपीठ) का देश-विदेश में प्रवासित श्रद्धालु भक्तजनों के लिए समाधि स्थल के दर्शन हेतु लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई।

इससे दूर बैठे श्रद्धालु भक्त जन अपने गुरुदेव को भाव वंदना व्यक्त कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर सकें। इस भव्य और नयनाभिराम प्रसारण को सुदूर प्रांतों और विदेश में भी सराहा गया। आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान संस्थान के महामंत्री हंसराज डागा ने बताया कि प्रतिष्ठान के महत्वपूर्ण प्रकल्प आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च अस्पताल में इलाजरत लगभग 150 रोगियों को संस्थान के अध्यक्ष महावीर रांका, गणेश बोथरा, सुशील पारख, करणीदान रांका, दीपक आँचलिया एवं किशोर मंडल के किशोरों की उपस्थिति में मास्क, सैनिटाइजर, बिस्किट्स, गुरुदेव तुलसी की जीवनी से संबंधित पेंपलेट एवं अणुव्रत आचार संहिता की नियमावली भेंट की गई।

अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर, कर्मचारी एवं सभी रोगियों ने समय-समय पर संस्थान द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की । मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र डाकलिया ने बताया कि 25 वें महाप्रयाण दिवस के मुख्य दिवस पर  डिजिटल भक्ति संध्या ष्तुलसी ! सिमरूँ तेरा नामष् का भव्य प्रसारण सोशल मीडिया के सभी माध्यमों पर प्रसारित किया गया जिसमें धर्मसंघ के ख्यातिप्राप्त संगायकों के द्वारा ऑनलाइन प्रस्तुति दी गई।

इसमें भुवनेश्वर से कमल सेठिया, मुंबई से मीनाक्षी भूतोडि़या, तारा मुणोत, सूरत से प्रकाश डाकलिया, जयपुर से सुधा दुगड, अहमदाबाद से विनोद मंजु डागा, गंगाशहर से राजेंद्र बोथरा, प्रियंका छाजेड़ और कोमल पुगलिया ने सुमधुर स्वरों से गुरु के प्रति भजनों के माध्यम से प्रस्तुति दी।

उल्लेखनीय है कि आज से ठीक 24 वर्ष पूर्व संवत् 2054 आषाढ़ कृष्णा 3 यथा 3 जून, 1997 को गंगाशहर के तेरापंथ भवन में हो गया था।