अपने लड़की होने पर करो गर्व, ना हो ग्लानि : डॉ. मेघना शर्मा
बीकानेर, (समाचार सेवा)। अपने लड़की होने पर करो गर्व, ना हो ग्लानि : डॉ. मेघना शर्मा, महाराज गंगासिंह विश्वविधालय बीकानेर के सेंटर फॉर वीमेन्स स्टडीज की निदेशक डॉ. मेघना शर्मा ने स्कूली छात्राओं से आव्हान किया किया कि वे अपने लड़की होने पर गर्व करें ना कि ग्लानि।
डॉ. मेघना शुक्रवार को पूगल रोड स्थित आदर्श उच्च माध्यमिक विधालय में सेंटर की ओर से आयोजित स्वास्थ्य सुरक्षा विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहीं थी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मेघना ने अपनी कविता “हां! स्त्री हूँ मैं!” सुनाकर भी छात्राओं में उत्साह का संचार किया।
उन्होंने कहा कि सौंदर्य औरत का गुण है किंतु यदि सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से पुरूष आपके सौंदर्य को लेकर भद्दी टिप्पणी या तंज कसता है तो महिलाओं को वहीं सोशल मीडिया पर ही उसका सार्वजनिक प्रतिकार करना चाहिए।
डॉ. मेघना ने कहा कि हमें अपनी असहमति जताने में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतनी चाहिए।
समारोह की मुख्य अतिथि दिव्य आयु ट्रस्ट की अध्यक्ष आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रीति गुप्ता ने छात्राओं को सुरक्षित माहवारी के साधनों के साथ साथ संबंधित बीमारियों से बचने व इलाज के बारे में जानकारी दी।
मुख्य वक्ता महारानी सुदर्शन कॉलेज के इग्नू सेल की प्रभारी डॉ. शशि वर्मा सोनी ने बच्चियों का ध्यान गुड टच बैड टच की जानकारी दी।
उन्होंने छात्राओं को किसी भी पुरूष की छुअन की अच्छी और बुरी मंशाओं को अपने सिक्सथ सेंस की मदद से पहचानने की समझ और उसका पुरज़ोर प्रतिरोध करने की आवश्यकता के बारे में बताया।
कार्यशाला में एमजीएसयू के सेक्शुअल हैरेसमेंट सेल की समन्वयक डॉ. सीमा शर्मा, स्कूला प्राचार्या योगिता व्यास, प्राध्यापक अनिल व्यास, नर्सिंग की छात्रा कोमल ओझा, शाला की प्राध्यापिका ज्योति सेतिया ने भी विचार रखे।
सेनैटरी पैड़स वितरित किए
कार्यशाला के दौरान महाराज गंगा सिंह विश्वविधालय के सेंटर फॉर सेंटर फॉर वीमेन्स स्टडीज की ओर से सभी छात्राओं को सेनैटरी पैड़स वितरित किए गए।
डॉ प्रीति गुप्ता ने मासिक चक्र से संबंधित वैज्ञानिक कारणों की जानकारी दी। घरेलू नुस्खों से भी सुरक्षित माहवारी व स्वस्थ्य रहने के उपाय बताये।
स्वाइन फ़लू बचाव का काढा पिलाया
कार्यशाला के दौरान छात्राओं को दिव्य आयु ट्रस्ट की तरफ से सभी छात्राओं व अन्य उपस्थित लोगों को को स्वाइन फ्लू से बचाव हेतु काढ़ा पिलाया गया।
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