विद्यार्थियों ने समझा रेगिस्तानी इलाकों के विकास में ऊंटों का योगदान
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। जैन पीजी कॉलेज के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र का शैक्षणिक भ्रमण कर राजस्थान नहर के निर्माण में ऊंटों के योगदान का जाना। इन छात्रों को बीकानेर के महाराजा गंगासिंह द्वारा काम में ली गई ऊंट रिसाला (ऊंटो की सेना) के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।
राष्ट्रीय उष्ट्रअनुसंधान केंद्र के अधिकारी सतनाम सिंह के ने विद्यार्थियों को केंद्र में बने संग्रहालय में ऊंटो से सम्बंधित वस्तुओं के बारे में बताया गया। महाराजा गंगासिंह द्वारा काम में ली गई ऊंट रिसाला (ऊंटो की सेना) में तथा इंदिरा गांधी नहर परियोजना में ऊंटो का योगदान की जानकारी दी।
उन्होंने विद्यार्थियों को केंद्र में ऊंटो को बचाने के तरीके, दुग्ध व्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर ऊंटो द्वारा कार्य इत्यादि की व्याख्या बताई तथा ऑफिस कार्यवाही भी समझाई। सभी विद्यार्थी डॉ. राजेश कस्वां (भूगोल विभाग) डॉ. राजेश रांकावत (लोक प्रशासन विभाग) के निर्देशन में केंद्र तक पहुंचे।
इससे पूर्व कॉलेज के सीईओ डॉ. शिवराम सिंह झाझड़िया ने अनुसंधान की महत्ता बताई। प्राचार्य डॉ. राजेंद्र चौधरी ने शैक्षणिक भ्रमण करने के लाभ बताये।
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