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एकल काव्य पाठ में कवि राजाराम ने समझाया जिन्‍दगी का मर्म

Poet Rajaram explained the essence of life in solo poetry recitation 17BKN PH-8

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) कवि राजाराम स्‍वर्णकार के एकल काव्‍य पाठ का आयोजन मंगलवार को बर्तन बाजार स्थित शिव निवास में किया गया। शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कवि राजाराम स्वर्णकार ने हिन्दी-राजस्थानी की लगभग एक दर्जन से अधिक कविताओं का प्रभावी वाचन करते हुए अपनी रचना प्रक्रिया की चर्चा की और लोगों का दिल जीता।

एकल काव्यपाठ के बाद कवि राजाराम का अभिनंदन किया गया। अतिथियों ने एवं अतिथियों ने कवि स्वर्णकार को अभिनंदन-पत्र, शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। अध्यक्षता कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की। समीक्षक अशफाक कादरी ने स्वागत उद्बोधन दिया। स्वर्णकार की कविताओं पर डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, मनीषा आर्य सोनी एवं मुकेश पोपली ने अलग-अलग संदर्भ से प्रतिक्रिया व्यक्त की।

कार्यक्रम में डॉ. नासिर जैदी, राधाकिशन भजूड़, प्रेमप्रकाश सोनी, श्रीगोपाल स्वर्णकार, सुषमा झा, अनुभव झा, मधुसूदन सोनी, झंवरा स्वर्णकार, विष्णुदत्त स्वर्णकार, प्रेमरतन सोनी, प्रेमनारायण व्यास, प्रभुदत्त मंडोरा, ऋषिकुमार अग्रवाल, मीनाक्षी, अरुण, ताराचंद सोनी, भगवतीप्रसाद सोनी, भावना हर्षिता सोनी, सौरभमौजूद रहे।

शब्दों की पूजा करता मैं नहीं दलाली करता

कार्यक्रम में कवि राजाराम स्वर्णकार ने अपनी रचनाएं पेश की। शब्दों की पूजा करता मैं नहीं दलाली करता हूँ, रूप किशोरी चन्द्रचकोरी ये बतला तू कौन है ?,  जिंदगी के मर्म को अबतक समझ पाया नहीं जैसी कविताएं सुनाई, स्वर्णकार ने शब्दों की पूजा , जिंदगी का मर्म, वारे-न्यारे , बतला तूं कौन है ?, नारी जब हुंकार भरेगी, गहरी संवेदना, एवं राजस्थानी भाषा की ऐ रिस्ता झीणा झीणा रै,  कान्या मान्या कुर्र एवं मत कर घणा मटरका मूरख शीर्षक की रचनाएं पेश की।

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