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स्वयं सहायता समूह के बैंक में खाते खोले जाएं- जिला कलक्टर

kumar pal gautam

बीकानेर(samacharseva.in)। स्वयं सहायता समूह के बैंक में खाते खोले जाएं- जिला कलक्टर, जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बैंक कार्यप्रणाली व खाता न खोलने पर नाराजगी प्रकट करते हुए निर्देश दिए है कि सभी बैंकर्स एसएसजी (स्वयं सहायता समूह) के बैंक खाते खोलना सुनिश्चित करें।
मंगलवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में जिलास्तरीय बैंकर्स की समीक्षा समिति की बैठक में गौतम ने कहा कि वार्षिक ऋण योजना पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। बैठक के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत खाते खोले जाने की समीक्षा की और निर्देश दिए जिन स्वयं सहायता समूहों नेे बैंक में खाते खोलने के लिए आवेदन किए है, उनके खाते खोले जाए। अनावश्यक रूप से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बैंकों में चक्कर ना निकालना पडे़, इसके लिए प्रतिदिन खाते खोलने के अलावा सप्ताह में एक दिन तय करें, जब एसएसजी के खाते खोलने का काम हो सके।
उन्होंने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, पोप योजना की समीक्षा की गई। इन योजना में आवेदन लंबित पाए जाने पर अधिकारियों से कहा कि मात्र ऋण स्वीकृत करने से कुछ नहीं होगा, स्वीकृत आवेदकों को ऋण का वितरण भी किया जाए। छोटे-छोटे ऋण आवेदनों को पेण्डिग ना रखा जाए। जो पुरान आवेदन है, उनका निस्तारण पहले करते हुए ऋण के नए आवेदन प्राप्त करें। सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति में बैंकर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में अगर लोगों को ऋण नहीं मिलता है, तो गलत संदेश जाता है।

उन्होंने बैंक अधिकारियों से कहा कि कोविड-19 की वजह से जरूरमंदों को काम-धन्धों के लिए ऋण दिया जाना आज की जरूरत है। उन्होंने सभी र्पेिण्डग आवेदनों को ऋण वितरण कर, निस्तारित करने के निर्देश दिए।जिला कलक्टर ने कहा कि जिन दुध उत्पादों के पास जमीन नहीं और जिनके पास दूधारू पशु है, उनके के.सी.सी. बनाए जाये। उरमूल डेयरी ने दुग्ध उत्पादों के के.सी.सी.के आवेदन तैयार करवाकर, बैंकों को भेजे है, उन पर शीघ्र कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में सबसे ज्यादा मार किसान और पशुपालको पर पड़ी है। अतः केसीसी बनाकर, ऋण के लिए आवेदन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को ऋण स्वीकृत किया जाए। उन्होंने आरसेटी के प्रबंधक को निर्देश दिए कि कोविड-19 के दौरान जिले में पहुंचे प्रवासियों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाकर, स्वालम्बी बनाएं।
उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड योजना में शत-प्रतिशत उपलब्धि के लिए समग्र रूप से प्रयास करने की बात कही है। सभी बैंक इस दिशा में कदम उठाए। बैठक में साख जमा अनुपात, वार्षिक साख किसान क्रेडिट कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं एनपीए, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम , प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, जीविका, रोजगार विकास जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई है।
बैठक में लीड बैंक अधिकारी सुरेश शर्मा ने वार्षिक साख योजना की जानकारी दी और बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कुल 8968.70 करोड़ रूपये का लक्ष्य रखा था, जिनमें से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के लिए 8161.51 करोड़ रूपये के लक्ष्य रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि मार्च 2020 तक कुल वार्षिक योजना के लक्ष्यों के विरूद्ध 5203.14 करोड़ अर्थात 58.01 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की है।
बैठक में सहायक महाप्रबंधक एसबीआई अनिल सहाय, नाबार्ड प्रबंधक रमेश ताम्बिया, उपनिदेशक कृषि विस्तार जगदीश पूनिया, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र मंजू नैण गोदारा,उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एल.डी.पंवार, उरमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक सहित विभिन्न बैंकों के प्रबंधक उपस्थित थे।

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