महिला सशक्तिकरण के लिये कानून के साथ-साथ भावना को जोड़ना जरूरी : डॉ. मेघना शर्मा

It is necessary to combine emotion with law for women empowerment Dr. Meghna Sharma
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महात्मा फुले आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स कॉलेज रायगढ़ का राष्‍ट्रीय वेबीनार

बीकानेर, (समाचार सेवा)महिला सशक्तिकरण के लिये कानून के साथ-साथ भावना को जोड़ना जरूरी : डॉ. मेघना शर्मा, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू)बीकानेर के सेंटर फॉर विमेंस स्टडीज की डायरेक्टर डॉ मेघना शर्मा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिये कानून के साथ-साथ भावना को जोड़ना जरूरी है।

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डॉ. मेघना रविवार को रायगढ़ महाराष्‍ट्र के रैयत शिक्षण संस्थान के महात्मा फुले आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स कॉलेज के इतिहास विभाग आइक्यूएसी और वूमेन डेवलपमेंट सेल की ओर से आजादी के 75 वर्षों में महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित राष्‍ट्रीय वेबीनार को बीज वक्ता के रूप में संबोधित कर रही थी।

उन्होंने कहा कि कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव को मनाते समय हम बहुत से ऐसे कानूनों को गिना सकते हैं जो महिलाओं के हितों को सुरक्षित करने के लिए बनाए गए किंतु सवाल यह उठता है कि इनमें से कितने कानून ऐसे हैं जिनके बारे में महिलाओं को पूरी जानकारी है?।

It is necessary to combine emotion with law for women empowerment Dr. Meghna Sharma.
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डॉ. मेघना ने कहा कि अकादमिक संस्थानों को व्याख्यानों के अलावा विद्यार्थी वर्ग को फील्ड में उतारने की जरूरत है जहां युवा वर्ग को अंदरूनी क्षेत्रों में टीम बनाकर भेजने के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की महिला आबादी को अपने अधिकारों के प्रति जागृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों को समझते हुए देखें तो महिला संबंधी सुधार आधुनिक इतिहास के धर्म सुधार आंदोलन से आरंभ हो चुके थे जिन्हें संविधान निर्माताओं ने गति प्रदान की और कानून बनाकर महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाया।

इससे पूर्व स्वागत भाषण कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश. ए. ठाकुर ने दिया। संगोष्ठी संचालन वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन डॉ लीना मेशराम ने किया।रिसोर्स पर्सन के रूप में मुंबई यूनिवर्सिटी के शिक्षाविद् प्रो अनिल बंकर ने विचार रखे। संगोष्ठी में देश भर से विद्वानों, शोधार्थियों और विद्यार्थी वर्ग ने हिस्सा लिया। नंदिनी गायकवाड़ ने आभार जताया।