देश-विदेश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल है हिंदीः डॉ. गुप्त
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। देश-विदेश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल है हिंदीः डॉ. गुप्त, शिक्षाविद्-साहित्यकार डॉ. उमाकांत गुप्त ने कहा कि हिंदी धीरे-धीरे दुनिया की भाषा बनने की ओर अग्रसर है। आज दुनिया के लगभग प्रत्येक देश के विश्वविद्यालय में हिंदी को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
डॉ. गुप्त हिंदी दिवस कार्यक्रमों के तहत गुरुवार को राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय में ‘हिंदी और हम’ विषय पर संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की संस्कृति और इसकी ऊंचाईयों को जानना है, तो उसकी भाषा को जानें।
इस दौरान राधेश्याम तर्ड और बाबूलाल मीणा ने विभिन्न प्रश्न रखें। राजभाषा संपर्क अधिकारी हरि शंकर आचार्य ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुस्तकालयाध्यक्ष विमल शर्मा ने की। संचालन गोपाल जोशी ने किया।
कार्यक्रम में महेश पांड्या, परामर्शदाता रश्मि लाटा, इंद्र कुमार ओझा, केसरी सिंह भाटी, सत्यनारायण विश्नोई, शिवकरण चौधरी सहित वाचनलाय स्टाफ और पाठक मौजूद रहे।
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