निशुल्क साइकिलों का वितरण 30 जनवरी तक हो – आशीष मोदी
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। निशुल्क साइकिलों का वितरण 30 जनवरी तक हो – आशीष मोदी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र जारी कर राज्य सरकार की छात्राओं के लिये घोषित निशुल्क साइकिल वितरण योजना के तहत असेम्बल हो चुकी साइकिलों का तुरंत निरीक्षण करवाया जाकर 30 जनवरी तक उनका वितरण करने को कहा है।
शिक्षा निदेश की ओर से जारी पत्र में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से 30 जनवरी तक प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। पत्र में कहा गया है कि कक्षा नो में प्रवेश लेने वाली पात्र बालिकाओं को यथा समय साइकिलें मिले इसके लिये आवश्यक प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि नई सरकार की शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्य योजना में निशुल्क साइकिल वितरण योजना को शामिल है।
60 प्रतिशत से अधिक साइकिलें असेम्बल
इसलिये निशुल्क साइकिल वितरण का कार्य तेज गति से करवाना होगा। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा सभी 50 जिलों के कुल 300 से अधिक विभिन्न नोडल केन्द्रों पर साइकिलें आपूर्ति हेतु आदेश जारी किया गया था। संबंधित फर्म द्वारा अधिकांश जिलों पर सप्लाई पहुंचाई जा चुकी है। फर्म को आपूर्ति की अवधि 16 मार्च 2024 तक है और फर्म द्वारा 80 प्रतिशत से अधिक साइकिल पार्टस नोडल केन्द्रों पर रवाना कर दिया है। 60 प्रतिशत से अधिक साइकिलें असेम्बल होकर वितरण की प्रकिया में हैं।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा
जानकारी में रहे कि राज्य सरकार की बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये महत्वपूर्ण योजना निशुल्क साइकिल वितरण के तहत शैक्षणिक सत्र 2022-23 तथा 2023-24 के लिये कक्षा 9वीं में राजकीय विद्यालयों में प्रवेश लेनें वाली बालिकाओं को निशुल्क साइकिल वितरण के लिये शिक्षा विभाग ने 29 सितंबर 2023 को साइकिल फर्म हीरो साईकिल लिमिटेड को कार्य आदेश दिया था।
साइकिल सप्लाई की गति तेज
कुल 7 लाख 31 हजार 163 साइकिलें खरीदी गई हैं। गत वर्ष 9 अक्टूबर से 25 नवंबर तक प्रदेश में चुनाव आदर्श आचार संहिता होने के कारण साइकिल सप्लाई एंव वितरण का कार्य बाधित रहा। अब पुन 25 नवंबर 2023 के बाद संबंधित साइकिल फर्म ने साइकिल सप्लाई की गति तेज कर दी है। 2 लाख 50 हजार से अधिक साइकिलें असेम्बल कर दी गई हैं।
बीकानेर संभाग में बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, अनूपगढ़ आदि में साइकिलें असेम्बल होकर वितरण के लिये तैयार खड़ी हैं।
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