नोखा में तहसीलदार व तत्कालीन थानाधिकारी सहित 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
व्यवसायी भाईयों से मारपीट प्रकरण
बीकानेर, (समाचार सेवा)। नोखा में तहसीलदार व तत्कालीन थानाधिकारी सहित 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज, नोखा थाना पुलिस ने तहसीलदार द्वारका प्रसाद, नोखा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी अरविन्द सिंह शेखावत, सब इन्सपेक्टर रणवीर सिंह, सब इन्सपेक्टर मंजीत कौर कांस्टेबल हेम सिंह के खिलाफ नोखा में दो व्यवसायी भाईयों को सरे बाजार पीटने के मामले में महामारी अध्यादेश व आईपीसी की विभिनन धाराओं में मामला दर्ज किया है।
नोखा में बीकानेर नोखा रोड पर नोर्थ इंडिया केबिल के पीछे के निवासी 34 वर्षीय अर्जुनराम जाट पुत्र बजरंगलाल जाट ने बुधवार शाम लगभग 7 बजे दर्ज मामले में बताया कि आरोपी तहसीलदार, पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मियों ने सोमवार 3 मई की सुबह लगभग 11 बजे उसके ( अर्जुनराम) व उसके भाई के साथ पटटी पेडा स्थित उनकी दुकान के आगे मारपीट की। चोटिल किया।
साथ ही इन अधिकारियों के उपेक्षा पूर्ण तरीके से कार्य करने पर परिवादी व उसके भाई के जीवन में संक्रमण फैल जाने की आशंका को बढावा देने का काम किया। नोखा थानाधिकारी ईश्वर प्रसाद जांगीड ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, 270, 166, 167, 217, 323, 341, 120बी, 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा 4 व 5 राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच थानाधिकारी ईश्वर प्रसाद दवारा की जा रही है।
प्रभावी मानिटरिंग से रुका ऑक्सीजन का अपव्यय
बीकानेर, (समाचार सेवा)। कलक्टर नमित मेहता ने बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों, वरिष्ठ चिकित्सकों और ऑक्सीजन मित्रों के साथ बैठक लेते हुए ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति की समीक्षा की। मेहता ने कहा कि आवक से लेकर मरीज तक आक्सीजन सप्लाई की प्रभावी मॉनिटरिंग की बदौलत जिले में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का अपव्यय रुका है।
कुछ दिन पूर्व तक जिले में ऑक्सीजन के 2 हजार सिलेण्डर की खपत होने लगी थी, जो अब घटकर लगभग 1 हजार 400 तक पहुंच गई है। एक सप्ताह पूर्व तक पीबीएम अस्पताल में प्रतिदिन प्रति मरीज औसत 4.3 ऑक्सीजन सिलेण्डर की खपत होती थी, यह अब कम होकर 2.1 सिलेण्डर प्रति मरीज पहुंच गया है, जबकि मरीज भार लगातार बढ़ रहा है।
बैठक में अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी) अजित सिंह राजावत, अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, निगम आयुक्त एएच गौरी, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. मुकेश आर्य, पीबीएम अधीक्षक डॉ. परमिंदर सिरोही, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुकुमार कश्यप, डॉ. अंजली गुप्ता आदि मौजूद रहे।
पचास कंसंट्रेटर आए, पांच सौ की दी स्वीकृति
जिला कलक्टर ने बताया कि डीएमएफटी फंड के तहत स्वीकृत सौ में से पचास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त हो चुके हैं। वहीं शेष पचास गुरुवार तक आ आने की संभावना है।
इसी क्रम में रिलीफ फंड द्वारा पीबीएम अस्पताल के लिए तीन सौ और सीएचसी स्तर तक ऑक्सीजन युक्त बैड की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दो सौ आक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद की स्वीकृति दे दी गई है।
पीबीएम अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा इन्हें खरीदा जाएगा। खरीद प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
एमसीएच विंग में लगेंगे अतिरिक्त बैड
मेहता ने बताया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिलने के साथ एमसीएच विंग के भू-तल पर बैड बढ़ाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
मरीज संख्या बढ़ने की स्थिति में यहां भर्ती होने वाले मरीजों को कंसंट्रेटर के माध्यम से निर्बाध आक्सीजन आपूर्ति होती रहेगी। उन्होंने बताया कि लॉयंस क्लब और रोटरी क्लब के भवनों में 25-25 बैड क्षमता के क्वारेंटाइन सेंटर तैयार कर लिए गए हैं।
आवश्यकता के अनुसार इनका उपयोग भी किया जा सकेगा। वहीं जिला अस्पताल में भी दस आक्सीजन कंसंट्रेटर के माध्यम से ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा शीघ्र ही प्रारम्भ कर दी जाएगी।
ऑक्सीजन मित्र’ ने बताया, कैसे रुक रहा अपव्यय?
‘ऑक्सीजन मित्र’ के रूप में तैनात नर्सिंग विद्यार्थियों ने एमसीएच विंग सहित विभिन्न वार्डों में ऑक्सीजन अपव्यय रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मरीज की आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन फ्लो पर नजर रखने, मास्क सही ढंग से लगाने के साथ बिना जरूरत ऑक्सीजन फ्लो तेज करने वाले एवं बेवजह अपव्यय करने वाले मरीजों के परिजनों को समझाना एवं डाक्टरों को इससे अवगत करवाना जैसे प्रयासों से ऑक्सीजन के अपव्यय पर प्रभावी रोक लग पाई है।
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