कौन बनेगा सीएम, हमारा नंबर आयेगा..?
पंचनामा : उषा जोशी
कौन बनेगा सीएम, हमारा नंबर आयेगा..?
मतदान की समाप्ति के बाद से अब जांगळ देश में भी कौन बनेगा सीएम की चर्चा शुरू हो चुकी है।
हालांकि शहर के पाटेबाज भाजपा व कांग्रेस की सरकार बनने को भी लेकर एक मत नहीं है।
बहरहाल इस बार सीएम बनने बनाने का मामला जांगळ देश के अनोखे शहर से भी जुड़ा हुआ है।
यहां के अनोखे इलाके के एक नेताजी जब से प्रतिपक्ष के नेता बनेहैं तब से ही सत्ता के नेता बनने की भी तैयारीकर चुके हैं।
मतदान के बाद अब पार्टी के मुखिया द्वारा उनको देश की राजधानी में बुलाने से उनके सीएम बनने ना बनने की चर्चा भी शुरू हो चुकी है।
वैसे नेताजी भी मतदाताओं को कह चुके थे कि आप विधायक बना दो आगे एक नंबर दो नंबर कैसे बनते हैं उसके रास्ते उनको पता है।
अब देखना है कि 11 दिसंबर को सीएम के दावेदार नेताजी विधायक बनने के बाद क्या पैंतरेबाजी करते हैं।
अरे हां, टिकट मिलने के बाद भी नेताजी ने पार्टी को चुनाव मैदान में ना उतरने तक की धमकी दे दी थी। अब देखते रेगिस्तान का यह ऊंट दिल्ली में किस करवट बैठता है।
दो और दो पांच
मतदान की समाप्ति के बाद से सभी प्रत्याशी जीत की गणित बिठाने में जुटे हुए हैं।
हालत यह है कि प्रत्याशियों के कार्यकर्ता जिस हिसाब से अपने पक्ष में वोट गिनवा रहे हैं उससे तो प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का प्रत्येक प्रत्याशी जीत रहा है।
सभी प्रत्याशी और कार्यकर्ता अपनी जीत के हिसाब से पहले नंबर पर रहने की गणित ही जोड़ रहा है।
यह तय है कि इस जोड़ बाकी में दो और दो को पांच जोड़ने वाले प्रत्याशी व कार्यकर्ता 11 तारीख को सूरज चढ़ने तक समझ जाएंगे कि उनकी गणित कहां गड़बड़ हुई है।
पार्टी प्रत्याशियों सहित निर्दलिय प्रत्याशी भी इस गणित में किसी चमत्कार की उम्मीद रखते हुए अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
एक विधानसभा सीट पर एक प्रत्याशी जितेगा मगर अभी तो वोटों की गिनती अपने अपने पक्ष में जोड़कर सभी विधायक बनने के सपने सजा चुके हैं।
नेताजी की बेबाकी के चर्चें
मतदान के दिन विपक्षी पार्टी पर जानलेवा हमले का आरोप लगाने वाले नेताजी की बेबाकी तारीफ के काबिल है।
जानलेवा हमले से बचने के बाद नेताजी आरोपियों के खिलाफ खाकी को सूचित करने के बजाया पहले प्रेस को बयान देते हैं।
बताते हैं कि किस प्रकार एक मतदान केन्द्र पर दूसरी पार्टी के दूसरे प्रदेश से बुलाये गए लोगों ने उन पर हमला किया। उनकी पार्टी की प्रत्याशी पर हमला किया।
उनके परिवार के सदस्यों पर हमला किया। नेताजी के बयान के अनुसार हमला करने वालों ने जाते जाते अपने ही वाहनों में आग लगा दी ताकि हमलावर नेताजी पर ही हमले का आरोप लगा सके।
हालांकि नेताजी की इस सारी कवायद के बावजूद प्रशासन ने नेताजी व उनके सिपहसलारों के खिलाफ ही राज्य निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेजी है।
नेताजी के खिलाफ अब मामले भी दर्ज हो चुके हैं।
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