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विद्यार्थी बने संस्कारित, सकल्पित, जिज्ञासु, चरित्रवान, गुणवान एवं ऊर्जावान- विमर्शानन्दगिरि महाराज

Students should become cultured, determined, inquisitive, characterful, virtuous and energetic - Vimarshanandgiri Maharaj

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) विद्यार्थी बने संस्कारित, सकल्पित, जिज्ञासु, चरित्रवान, गुणवान एवं ऊर्जावान- विमर्शानन्दगिरि महाराज, स्वामी श्री विमर्शानन्दगिरिजी महाराज ने कहा कि विद्यार्थियों को संस्कारित, सकल्पित, जिज्ञासु, चरित्रवान, गुणवान एवं ऊर्जावान होना चाहिए। स्‍वामीजी शुक्रवार को पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय बीकानेर के राष्ट्रीय सेवा योजना का 7 दिवसीय विशेष शिविर के शुभारंभ समारोह को मुख्‍य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

उन्‍होंने  विद्यार्थियों को राष्ट्र सेवा का महत्व बताते हुए युवा चरित्र, जीवन लक्ष्य एवं जीवन दर्शन के महत्व की जानकारी दी। स्वामी जी ने कहा कि शिक्षकों एवं गुरुओं के माध्यम से देश की युवा शक्ति को सही दिशा एवं दशा प्रदान करनी होगी तभी राष्ट्र का विकास होगा।

राष्ट्रीय सेवा योजना की व्यापकता

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने राष्ट्रीय सेवा योजना की व्यापकता को बताते हुए कहा कि इसे मात्र पाठ्यक्रम का हिस्सा ना समझ कर विद्यार्थियों को राष्ट्र सेवा, समाज सेवा एवं राष्ट्र उत्थान हेतु जीवन प्रयन्त प्रयासरत रहना चाहिए।

राष्ट्र विकास हेतु नियमित डिग्री पाठ्यक्रमों के साथ-साथ विद्यार्थियों में चरित्र निर्माण एवं नैतिक मूल्यों का विकास की बहुत आवश्यक है। समारोह में कार्यवाहक अधिष्ठाता प्रो. हेमन्त दाधीच, कार्यक्रम अधिकारी, एन.एस.एस. डॉ. नीरज कुमार शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रवीण बिश्नोई ने भी विचार रखे।

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