पड़ौसी राज्यों की तर्ज पर हो मंडी शुल्क की दरें- जिला उद्योग संघ
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। बीकानेर जिला उद्योग संघ की ओर से मुख्यमंत्री, सांसदों व विधायकों को दलहन उद्योग पर लगाए गए मंडी शुल्क को कम करने के आग्रह का पत्र भेजकर राजस्थान में मंडी शुल्क की दरें राज्य के पड़ौसी राज्यों की तर्ज पर करने की मांग की गई है।
संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, उपाध्यक्ष नरेश मित्तल एवं सचिव वीरेंद्र किराडू ने बताया कि राजस्थान के पडौसी राज्य दिल्ली में मंडी शुल्क दर शून्य है, गुजरात और मध्यप्रदेश में भी मंडी शुल्क की दर राजस्थान से बहुत कम है। इन उद्योगपतियों के अनुसार पड़ौसी राज्यों की तर्ज पर राजस्थान राज्य में भी मंडी शुल्क की दरें तय करनी चाहिये।
पत्र में बताया गया कि राजस्थान में लगने वाला मंडी शुल्क व कृषक कल्याण शुल्क यहाँ की दाल दलहन उद्योगों के लिए वज्रपात के समान है। इससे राज्य की दाल मीलों को तो भारी नुकसान होगा ही साथ ही साथ राज्य में निवेशकों का प्रतिशत भी घटेगा।
पत्र में बताया गया है कि राजस्थान में चालू वर्ष में 19 जुलाई को जारी अधिसूचना के बाद कृषि उपज मंडी प्रांगण सीमा के बाहर भी कृषि मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क की देयता लागू हो गई है।
इससे राजस्थान का दलहन उद्योग प्रभावित हो रहा है। अन्य प्रान्तों से कृषि उपज शुल्क चुकाकर आयातित कच्चे माल पर पुन: कृषि मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत एवं कृषक कल्याण शुल्क 0.50 प्रतिशत दोहरा शुल्क चुकाने के कारण राजस्थान के दाल मिलर्स इकाइयां बंद होने की स्थिति में आ गई है
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