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प्रदूषित बुढ्ढा नाला की समस्या का समाधान कराये पंजाब सरकार

indira gandhi canal copy

जयपुर, (समाचार सेवा)। प्रदूषित बुढ्ढा नाला की समस्या का समाधान कराये पंजाब सरकार, इंदिरा गांधी नहर में प्रदूषित जल की समस्या पंजाब में लुधियाना शहर के बुडढ़ा नाला तथा जालंधर,  नकोदर एवं फगवाड़ा के सीवरेज तथा औद्योगिक अपशिष्ट के प्रवाह के कारण आती है।

राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब सरकार से प्रदूषित बुढ्ढा नाला की समस्या का समाधान करने के लिए कहा है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने केन्द्रीय प्रदूषण मण्डल को इस समस्या के समाधान के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया हुआ है।

जिसके तहत पंजाब द्वारा समयबद्ध रूप से एसटीपी और ईटीपी लगाने का काम किया जा रहा है। वहां के अधिकारियों ने बताया कि नहरबंदी के दौरान रोपड हैडवक्र्स से दिए जाने वाले पानी की मात्रा लगभग नगण्य होती है। इस दौरान औद्योगिक अपशिष्ट एवं सीवरेज का पानी नदी के तल में जमा होता रहता है।

इस कारण नहरबंदी के बाद प्रारंभ के कुछ दिनों में छोड़े जाने वाले पानी में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है। नहरबंदी के बाद हरिके हैड पर आए प्रदूषित जल की प्रतिदिन निगरानी, जांच एवं पर्यवेक्षण के लिए अधिशाषी अभियंता राजस्थान कैनाल खण्ड फिरोजपुर को तैनात किया गया है।

मंगलवार को प्राप्त जानकारी के अनुसार हरिके हैड पर पानी की गुणवत्ता में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है। इससे राजस्थान सीमा में प्राप्त पानी की गुणवत्ता में भी सुधार देखा गया है। पंजाब से प्राप्त हो रहे पानी के नमूनों की जांच भी करवाई जा रही है।

वहीं, मुख्यमंत्री गहलोत ने इन्दिरा गांधी नहर, गंगनहर एवं भाखड़ा सिंचाई प्रणाली में पंजाब से आ रहे दूषित जल पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव निरंजन आर्य को इस समस्या के समाधान के लिए पंजाब सरकार के उच्चाधिकारियों से वार्ता करने को कहा है। गहलोत ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य को कहा है कि वे पंजाब के मुख्य सचिव से वार्ता कर इस कार्य को धरातल पर पूरा करने के लिए सतत समन्वय करें।

साथ ही खासतौर पर प्रदूषित बुढ्ढा नाला की समस्या का समाधान करने के लिए कहा है। गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव ने पंजाब के मुख्य सचिव से प्रदूषित जल की रोकथाम के लिए शीघ्र कार्यवाही करने का आग्रह किया है और इस संबंध में पत्र लिखकर राजस्थान की चिंताओं से अवगत कराया है।

मुख्य सचिव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए पंजाब के अधिकारियों से इस मामले में उचित कार्यवाही कर प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया है। मुख्यसचिव ने पंजाब के मुख्य सचिव को अवगत कराया है कि शोभा सिंह बनाम पंजाब सरकार प्रकरण में एनजीटी ने 20 जनवरी 2021 को पंजाब सरकार को सतलज एवं ब्यास नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त एवं प्रभावी कदम उठाने कहा हुआ है।

उन्होंने कहा कि पंजाब इस संबंध में बनाए गए एक्शन प्लान के अनुरूप जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कराने का प्रयास करे। उल्लेखनीय है कि प्रदूषित पानी के पंजाब से राजस्थान में प्रवाहित होने का विषय मुख्यमंत्री ने 25 जुलाई 2019 को अपने चंडीगढ प्रवास के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था और पंजाब सरकार ने सतलुज नदी में मिलने वाले घरेलू तथा औद्यौगिक अपशिष्ट को समयबद्ध तरीके से ट्रीट करने के संबंध में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

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