मांडना कला को जीवंत रखना जरूरी – कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह
बीकानेर, (समाचार सेवा)। महाराजा गंगासिंह विश्वविधालय बीकानेर के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने कहा कि राजस्थानी परंपरा और संस्कृति से गहराई से नाता रखती मांडना कला को जीवंत बनाये रखने के उद्देश्य से माडंंना प्रतियोगितायें आयोजित होना राजस्थानी विभाग का सराहनीय कदम है व समय की ज़रूरत है।

प्रो. सिंह बुधवार को विवि परिसर में राजस्थानी विभाग द्वारा आयोजित राजस्थानी मांडना प्रतियोगिता के शुभारंभ के दौरान आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान और राजस्थानी का इतिहासा गौरवशाली है। कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि इस प्रतियोगिता में छात्र व छात्राओं दोनों ने समान रूप से उत्साह दिखाया जो कि विधार्थियों में कला के संरक्षण का श्रेष्ठ भाव दर्शाता है।

इस अवसर पर विभाग के सदस्य डॉ. गौरीशंकर निमिवाल, रामावतार उपाध्याय, राजेश चौधरी, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, डॉ गौरीशंकर प्रजापत, सरजीत सिंह, मुकेश रामावत, प्रशांत जैन, के अलावा विद्यार्थियों में छात्रसंघ उपाध्यक्ष कन्हैयालाल, कुलदीप राजावत, प्रीती राजपुरोहित, अलका ओझा और अनु राजपुरोहित सम्मिलित हुए। अंत में विभाग प्रभारी डॉ. मेघना ने सभी का आभार व्यक्त किया।
मांडना में संगीता, भावना, उमा रही अव्वल
राजस्थानी विभाग की ओर से बुधवार को विवि परिसर में आयोजित मांडणा प्रतियोगिता में संगीता पड़िहार ने पहला स्थान प्राप्त किया। विभाग प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में भावना राजपुरोहित दूसरे तथा उमा प्रजापत तीसरे स्थान पर रही।
चित्रकार सन्नू हर्ष का किया सम्मान
