भाजपा ने अर्जुनराम जैसे दागी को कार्यकर्ताओं की छाती पर बिठाया : भाटी
बीकानेर (समाचार सेवा)। भाजपा ने अर्जुन राम जैसे दागी को कार्यकर्ताओं की छाती पर बिठाया : भाटी, भाजपा ने अपने जमीन
से जुडे कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर एक दागी व्यक्ति को पार्टी का टिकट देकर कार्यकर्ताओं
की छाती पर बिठाया है जिससे कार्यकर्ताओं को अब जनता के बीच जाने में भी शर्मिंदा होना
पड रहा है।
ये सुलगते विचार हाल ही में भाजपा से अपना नाता तोड चुके कद्दावर नेता पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी ने समाचार सेवा से एक विषेष बातचीत में व्यक्त किए।
भाटी ने कहा कि पार्टी ने अर्जुन राम मेघवाल को टिकट दिया है।
जिन्होंने गत विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याषियों की ही जमकर खिलाफत की थी।
कांग्रेस के नेताओं के साथ षड़यंत्र करके पार्टी प्रत्याषियों
को चुनाव में डेमेज करने का काम किया। भाटी ने कहा कि इससे पूर्व पंचायत चुनाव व निगम
के चुनाव में भी पार्टी के प्रत्याषियों की खिलाफत कर उन्हें नुकसान पहुंचाया।
एक सवाल के जवाब में भाटी ने कहा कि 2 अप्रेल 18 को इन्होंने
सवर्ण, एस सी, एसटी व ओबीसी के बीच एक घृणा
की दीवार खड़ी कर दी।
मैने इन्ही तथ्यों को लेकर पार्टी से आग्रह किया इन्हे पार्टी
को टिकट नहीं देना चाहिए लेकिन पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर एक ऐसे
आदमी को टिकट दे दिया जिसका जगह-जगह विरोध हो रहा है।
ये विरोध जैसे जैसे चुनाच नजदीक आएंगे और मुखर होगा। भाटी ने
कहा कि हम उस समय पार्टी से जुडे जब गांवों में पार्टी का कोई नामलेवा नहीं था उस समय हमने गांव गांव में पार्टी के कार्यकर्ताओं की फौज
तैयार की।
हमारे प्रयास रंग लाए जिससे भाजपा ने पंचायत राज, नगर पालिका में जनप्रतिनिधि
चुने गए। एक बार तो राजस्थान में भाजपा की सरकार को बचाने के लिए पूरी पार्टी का विलय
भी भाजपा में करवा दिया।
भाटी ने कहा कि लेकिन वर्तमान में पार्टी ने इन बिन्दुओं पर
ध्यान न देकर जिसे टिकट दिया है उससे पार्टी के निर्णय पर दया आती है।
एक गलत व्यक्ति को जबरदस्ती टिकट देने पर गांवों व शहरों में
भाजपा प्रत्याषी अर्जुन राम मेघवाल का खुलकर विरोध हो रहा है जिससे जमीन से जुडे कार्यकर्ताओं
को शर्मिंदा होना पड रहा है।
भाटी ने कहा बीकानेर में
पार्टी में बैठे पदाधिकारी व कार्यकर्ता उनके सम्पर्क में है।
अपनी आगामी रणनीति का खुलासा करते हुए भाटी ने कहा कि पूरे क्षेत्र
के मौजीज लोग उन्हें आगे से आगे गांवों में बैठकों के लिए बुला रहे हैं।