* आप यहां आये किसलिये?
पंचनामा – उषा जोशी
* आप यहां आये किसलिये?
जांगळ देश के नये लॉयन को आये पूरा एक हफ्ता हो गया मगर इस सवाल का जवाब अब तक भी किसी को नहीं मिला है कि बड़े जंगलों में बड़े शिकार करने वाले लॉयन को इस छोटे से जांगळ प्रदेश में क्यों भेजा गया है।
नये लॉयन ने पहले दिन जब कार्य भार सम्हाला तो कलमकारों ने भी बातों-बातों में पूछ ही लिया साहब आपको यहां क्यों भेजा गया है। लॉयन बस मुस्कराते रहे। कलमकारों ने फिर सवाल दागा, साहब आपको पता चले तो बताना जरूर कि सरकार ने आपको यहां क्यों भेजा गया है।
फिर चिरपरिचित मुस्कराहट के साथ नये लॉयन ने भी कलमारों की ओर सवाल छोड़ा कि आप लोगों को भी पता लग जाए कि मुझे यहां क्यों भेजा गया है तो आप मुझे भी बता देना।
बहरहाल नये लॉयन के आगमन पर अपराधी किस्म के लोगों की इस गर्मी में भी धूझणी छूटनी शुरू हो गई है तो खाकी महकमे में भी खाकीधारियों में नये लॉयन को अपनी परफोरमेंस दिखाने की होड़ मची हुई है।
कुछ खाकी वीरों ने ही यह खबर भी फैलाई है कि इलाके के टाइगर ने तो नये लॉयन के सामने कमाल ही कर दिया,तीन दिन से एक चोर को पकड़ कर रखा और लॉयन की ज्वाइनिंग के दिन उसे गिरफ्तार बताकर नंबर बढ़ा लिये।
ऐसा नहीं कहते , कुछ तो ढक कर रखो भाई।
* छोटे खाकीधारी की बड़ी गौरव यात्रा
जब एक सर्किल के सीओ और सीआई खाकी समाज की पूरी दुनियादारी जानते हों तो एक छोटे खाकीधारी की गौरव यात्रा की हालत क्या होती है यह तो खाकी के बाहर भी कोई भी बता सकता है।
बताने वालों ने भी बताई भी तभी तो हमे पता चला कि चतुर सीओ और होशियार सीआई के अधीन रहते हुए भी एक एसआई साहब ने पिछले दिनो रात के समय एक शराब के ठेके पर छापा मारा और कुछ लोगों को उनकी मोटर सइकिलों सहित दबोच कर थाने की ओर लेकर चल पड़े।
जब छापा मारा गया तो ठके वाले ने कहा भी था कि साहब ऐसा मत करो आपके अफसरों की सहमति से ही सब कुछ करते हैं, पर नहीं गौरव यात्रा वाले एसआई साहब अपनी पर अड़े रहे।
बीच रास्ते जब मामला सेट हो गया तो रास्ते में ही एक एक कर सबको उतार दिया। मामला मीडिया तक पहुंचा, चतुर सीओ और होशियार सीआई भी जागरूक हुए। पहले एसआई को लोगों के सामने बचाया, बाद में अकेले में धमकाया।
नसीहत दी कि हमारे ही इलाके में ऐसा करोगे, क्या समझते हो अपने को। जय हो।
* नई नोटबंदी से कई थानेदार परेशान
एक सीओ के सर्किल इलाके के थानेदार नई नोटबंदी की समस्या से परेशान है। उनकी कमाई इस नई नोटबंदी के चलते काफी कम हो गई है।
खाकीवीरों की खबर के अनुसार इस सर्किल के सीओ साहब छोटे-मोटे परिवाद टाइप मामलों में भी सीधा हस्तक्षेप कर उनकी संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज करवाते हैं। इस कारण ऐसे परिवादों को जिनको पहले दोनों पक्षों को आमने सामने बिठाकर कुछ खर्चा पानी लेकर सुलझा दिया जाता था वो अब नहीं हो पा रहा है।
इससे थानेदारजी की इंकम में कमी आई ही है साथ ही थाने के छोटे-मोटे खर्च भी उठाना इस इलाके के थानेदारजी को भरी पड़ने लग या है।
क्योंकि ऐसे मामलों को थानों में निबटा देने से जो आय होती थी उससे थाने में होने वाले छोटे मोटे खर्च भी भुगता दिये जाते थे। अब सीओ साहब की एंट्री से ऐसा हो नहीं पा रहा है।
* पहले अपने घर की आग बुझेगी
सफेद सोने वाले इलाके के एक सीआई साहब के लिये अवैध खनन करने वालों से बंधिया एकत्र करने वाले वफादार खाकीवीर इन दिनों जब से दूसरे थाने में पहुंचा दिया गया है वह अपने पुराने साहब को पानी पी पी कर कोस रहा है।
उसका कारण है कि सीआई साहब की शिकायत हो गई थी कि वे फलां खाकीवीर की सहायता लेकर माल कमा रहा है। मामला टाइगर तक पहुंचा तो जोड़तोड़ शुरू हुआ। प्रेशर बढ़ा तो अदने खाकीवीर को वहां से हटाने का आदेश दिया गया।
अदने खाकीवीर ने सोचा जिन साहब के लिये उसने इतना काम किया। कमा के दिया वो उसे जाने से जरूर रोक लेंगे। मगर दो घरों में आग लगी हो तो पहले अपने घर की आग बुझाना प्राकृतिक सिद्धांत है।
इसी सिद्धांत का प्रयोग कर सीआई साहब ने अपना घर बचाया।
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