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धन के अभाव में बंद नहीं होने देंगे राजस्थानी भाषा की कोई भी पढ़ाई- प्रह्लादराय गोयनका

Will not allow any study of Rajasthani language to be stopped due to lack of funds- Prahladray Goenka

राजस्थानी मोटयार परिषद ने किया गोयनका के प्रतिनिधि राजीव हर्ष का सम्मान

बीकानेर, (समाचार सेवा)धन के अभाव में बंद नहीं होने देंगे राजस्थानी भाषा की कोई भी पढ़ाई- प्रह्लादराय गोयनका, औंकार चेरिटेबल ट्रस्ट कोलाकाता से जुड़े बीकानेर मूल के भामाशाह प्रहलाद राय गोयनका ने कहा है कि बीकानेर में राजस्थानी भाषा की पीजी की कक्षाएं धन के अभाव में बंद होने नहीं दी जाएगी।

Will-not-allow-any-study-of-Rajasthani-language-to-be-stopped-due-to-lack-of-funds-Prahladray-Goenka...-300x248 धन के अभाव में बंद नहीं होने देंगे राजस्थानी भाषा की कोई भी पढ़ाई- प्रह्लादराय गोयनका
Will not allow any study of Rajasthani language to be stopped due to lack of funds- Prahladray Goenka…

यह जानकारी गोयनका के प्रतिनिधि राजीव हर्ष ने राजस्थानी मोटयार परिषद की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में दी। परिषद ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय विश्वविद्याल (एमजीएसयू) में एमए राजस्थानी की कक्षाएं नियमित संचालित करने के लिये ट्रस्ट की ओर से दिये गए आर्थिक सहयोग पर ट्रस्ट व गोयनका के स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में राजीव हर्ष के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया।

अपने संदेश में भामाशाह गोयनका ने कहा कि  राजस्थान की संस्कृति, तीज, त्योहार ओर राजस्थानी भाषा हर राजस्थानी के लिए आत्मगौरव का विषय है। राजस्थानी भाषा के विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल है और राजस्थानी के अध्ययन हेतु धन की किसी भी प्रकार की कमी नही आने दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति को आज की युवा पीढ़ी राजस्थानी विषय से ही जान सकती है। समारोह में राजस्थानी मोटयार परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने कहा कि राजस्थानी में एमए करने वाले विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा में राजस्थानी विषय का लाभ मिलता है।

प्रदेश  उपाध्यक्ष डॉ नमामीशंकर ने राज्य सरकार से महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में शीघ्र ही राजस्थानी विभाग स्थायी किए जाने की मांग की ताकि यंहा के विद्यार्थी विवि में राजस्थानी में पजी के बाद पीएचडी भी कर सके।

समारोह को संभाग अध्यक्ष डॉ. हरिराम बिश्नोई, कोषाध्यक्ष राजेश चौधरी, सरस्वती काव्य कला संस्थान के अध्यक्ष अरविंद उभा, शोधार्थी प्रशांत जैन, सरजीत सिंह, रामावतार उपाध्याय, भरत दान चारण, धीरज पंचारिया, नीरज पंचारिया, रणजीत उपाध्याय, विशाल कांटिया, महेंद्र, सुनील बिश्नोई, पुखराज आदि ने भी विचार रखे।

जानकारी में रहे कि महाराज गंगासिंह विश्विद्यालय में राजस्थानी विषय के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये राजस्थानी विषय की स्रातकोत्तर कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को औंकार चेरिटेबल ट्रस्ट कोलाकाता ने प्रति विद्यार्थी 5 हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है।  

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