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एनपीएस भारत छोड़ो ट्विटर महाअभियान आज से शुरू

NPS Quit India Twitter campaign begins today

बीकानेर, (समाचार सेवा)। एनपीएस भारत छोड़ो ट्विटर महाअभियान आज से शुरू, न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार  ने बताया कि राजस्थान सहित देश में जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को  पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किये जाने की मांग को लेकर ट्विटर पर चलाये जा रहे अभियान से बड़ी संख्या में जुड़ेंगे। 

पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर एनपीएसईएफआर ने ट्विटर पर एनपीएस भारत छोड़ो महाअभियान शुरू किया है। उन्होंने बताया कि देशभर के 74 लाख सरकारी कर्मचारी  अधिकारी नवीन अंशदायी पेंशन योजना नामक म्यूच्यूअल फंड योजना का दंश झेल रहे हैं, जो कि पेंशन योजना नहीं है।

प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने कहा, केन्द्र सरकार ने कॉर्पोरेट जगत को खरबों रूपये के पेंशन फंड को हडपने की छूट देने के लिए 1972 के केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम के स्थान पर 1 जनवरी 2004 से भारत की सेना को छोड़कर अर्धसैनिक बलों सहित सरकारी नौकरी में आये केन्द्रीय कर्मचारियों के लिये नई पेंशन योजना शुरू की।

इसका केंद्र की कॉर्पोरेट हितेषी सरकारों के दबाब में पश्चिम बंगाल के अलावा सभी राज्य सरकारों ने अंधानुकरण करते हुए एक-एक करके अलग अलग तिथि से अपने रा’यों में अंशदायी पेंशन योजना को लागू किया।

प्रदेश उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह राव ने कहा कि भारतीय संविधान भाग 11 की सातवीं अनुसूची में अनुच्छेद 245-255 राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों को उल्लिखित करती है जिसके अनुसार केंद्र-राज्य संबंध तीन भागों संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विभाजित हैं। न्यू पेंशन स्कीम राज्य सूची के विषय – पेंशन पर केंद्र का अतिक्रमण  है।

इसका राज्य सरकारों को भी खुला विरोध करना चाहिए। वर्ष 2009  में इसे न्यू पेंशन योजना (एनपीएस)  की जगह नेशनल पेंशन योजना (एनपीएस) नाम दिया जाकर,  केंद्र व राज्य के सरकारी कार्मिकों के अलावा कॉर्पोरेट कर्मचारी जगत सहित आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया जबकि यह पेंशन योजना न होकर एक म्यूच्यूअल फंड योजना है।

इसमें शेयर मार्किट निवेश जोखिम होने के बाबजूद  वर्ष 2013 में संसद द्वारा पारित पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण एक्ट  द्वारा न्यनतम रिटर्न की कोई  गारंटी प्रदान  नहीं की गयी  है एवं  किसी का भी निवेश सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा एनपीएस में कई और दिक्कतें हैं।

इसमें महंगाई भत्ते में होने वाली बढ़त के मुताबिक संशोधन का कोई प्रावधान नहीं है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को साल में दो बार संशोधित महंगाई भत्ते का लाभ मिलता था। संगठन केंद्र और रा’य सरकार के कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार से जुड़ी पेंशन योजना का समर्थन नहीं करता है।

इन्हीं मांगों को ध्यान में रखते हुए 15 अगस्त को ट्विटर पर एनपीएस भारत छोड़ो महाअभियान रहेगा। देशभर में हेश टैग को अधिक से अधिक बार ट्वीट और रीट्वीट कर ट्रेडिंग अभियान चलाया जाएगा।

फेडरेशन के नेताओं ने एनपीएस भारत छोड़ो आंदोलन की तर्ज पर कर्मचारियों से ट्विटर महाअभियान में जुड़ने का आव्हान करते हुए बताया कि कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार तक अपनी आवाज को पहुंचाने का यह बेहतरीन माध्यम है।

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