भामाशाह से सहज हुआ निर्मल के दांतों का इलाज
शिव कुमार सोनी
बीकानेर, (समाचार सेवा)। भामाशाह से सहज हुआ निर्मल के दांतों का इलाज। भामाशाह कार्ड से कोठारी अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र के आधुनिक सुविधायुक्त दंत रोग विभाग में शनिवार को नोखा तहसील की सिंधु मोरखाना के बालक निर्मल बिश्नोई का सहजता से ईलाज हो गया। बच्चा व उसके श्रमिक पिता दोनों ने सरकार की योजना व सहृदयता से चिकित्सा करने वाले चिकित्सकों को दिल से तारीफ की।
सिंधु मोरखाना के श्यामसुन्दर बिश्नोई अपने 9 वर्षीय पुत्र निर्मल 15 वर्षीय पुत्री वसुन्धरा को लेकर कोठारी अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र पहुंचे। पुत्री वसंुधरा के गंठिया का ईलाज पहले ही भामाशाह योजना के तहत चल रहा था। इस भीषण गर्मी में बिना चप्पल अपने पुत्र को साथ अस्पताल लाए श्याम सुन्दर ने अपने पुत्र की दांतों की समस्या डॉ. मुकेश आहूजा व डाॅ.वैशाली सोनी को बताई।
दोनों चिकित्सकों ने रोगी व उसके परिजनों की हालत को देखते हुए तत्काल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक एवं पूर्व आचार्य एवं विभागाध्यक्ष दंत रोग, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्व विद्यालय मेडिकल काॅलेज, जयपुर के डाॅ.विनोद बिहानी से सलाह व मार्ग दर्शन लिया। डाॅ.बिहानी ने मानवीयता रखते हुए बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए। दंत रोग विशेष डाॅ.मुकेश आहूजा व डाॅ.वैशाली सोनी बालक निर्मल का ईलाज मनोयोग से बेहतर तरीके से कर दिया।
कक्षा चार में पढने वाले बालक के दूधियां दांत सहित आधा दर्जन से अधिक दांत सड़ व गल चुके थे। बच्चा दो तीन वर्षों से बहुत कम खाना खा रहा था तथा दांत के दर्द से पढ़ने व खेलने आदि की दैनिक दिनचर्या से भी वंचित रह रहा था। खाना नहीं खाने से दुबला हो चुके बालक निर्मल के पिता श्याम सुन्दर बिश्नोई ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए आर्थिक संसाधन व सुविधा नहीं होने से मानसिक परेशानी झेल रहे थे।
’’घाटे के घर’’ में खाने-पीने की रोटी की सुविधा भी पूरी नसीब नहीं होती वहां इलाज करवाना कठिन कार्य था। बच्चे के दांत के असनीय दर्द को देख कर रहा नहीं जा रहा था पर मजबूरी वश कुछ किया भी नहीं जा रहा था। दैनिक मजदूरी कभी मिलती है कभी नहीं मिलती। ऐसे में पूरे माह दो वक्त की भरपेेट रोटी नसीब नहीं होती, ईलाज करवाना दूर का सपना था।
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना भामाशाह कार्ड से उसकी पुत्री वसुंधरा के साथ उसके पुत्र निर्मल का बेहतरीन ईलाज निःशुल्क होने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। दंत रोग विभाग के चिकित्सक डाॅ.मुकेश आहूजा व डाॅ.वैशाली सोनी ने बालक निर्मल को दांत निकालने के बाद आइसक्रीम खिलाने की सलाह दी तब उसके पिता श्याम सुन्दर की आंखे भर आई।
तत्काल दोनों चिकित्सकों ने उसके दिल के दर्द को पहचाना अपनी निजी तौर से बच्चे के लिए आइसक्रीम व उसकी चप्पल की राशि प्रदान की। बेहतर ईलाज व आइसक्रीम और चप्पल की राशि प्राप्त कर बालक निर्मल व उसके पिता श्याम सुन्दर बिश्नोई दिल से सरकार की भामाशाह योजना व इंसानियत के साथ चिकित्सा करने वाले चिकित्सकों को दुहाई दी।
-सहायक प्रशासनिक अधिकारी सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय,बीकानेर
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