इलाज के लिये छोटा पड़ने लगा एसएमएस अस्‍पताल

SMS hospital started falling short for treatment
SMS hospital started falling short for treatment

NEERAJ JOSHI जयपुर, (समाचार सेवा)इलाज के लिये छोटा पड़ने लगा एसएमएस अस्‍पताल, जयपुर का सवाई मान सिंह अस्‍पताल (एसएमएस) अब प्रदेशभर से आने वाले मरीजों के लिये छोटा पड़ने लग गया है।

इस अस्‍पताल में  प्रतिदिन औसतन 9 हजार से अधिक लोग आउटडोर में उपचार के लिए आते हैं। वहीं लगभग 500 लोगों को उपचार के लिए भर्ती किया जाता है। अस्‍पताल में आने वाले मरीजों की 30 हजार से अधिक जांचें प्रतिदिन की जाती हैं।

अस्‍पताल प्रशासन भी अब यह मानता है कि एसएमएस अस्पताल का भार होगा कम होना चाहिये।  सवाई मानसिंह अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक डॉ. प्रदीप शर्मा के अनुसार आउटडोर में रोगियों की संख्या अधिक होने से उपचार में समय लगता है।

जानकारी के अनुसार सवाई मानसिंह अस्पताल में वर्तमान में बिस्‍तरों की संख्या 2461, ओपीडी काउंटर 25 तथा ऑपरेशन थियेटर 18 हैं। साथ ही 8 माइनर ऑपरेशन थियेटर हैं। वर्तमान समय को देखते हुए एसएमएस में कम संख्‍या में सुविधाएं होने के कारण  मरीजों बैड के लिए इंतजार करना पड़ता है।

एसएमएस अस्पताल पर मरीजों का भार अत्यधिक है। इसके चलते भर्ती होने वाले मरीजों को बैड मिलने की समस्या बनी रहती है। साथ ही आउटडोर में भी रोगियों की संख्या अधिक होने से उपचार में समय लगता है।

प्रगति पर है आईपीडी टॉवर का निर्माण कार्य

एसएमएस अस्‍पताल पर बढ़ रहा मरीजों का भार कम करने के लिये अस्‍पताल परिसर में ही 588 करोड़ रुपये की लागत से 24 मंजिला आईपीडी टॉवर का निर्माण जारी है। इससे लोगों को जयपुर में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेगी।

आईपीडी टावर बनने से एसएमएस में बढ़ रही मरीजों की संख्‍या का समाधान हो सकेगा। नए आईपीडी टावर में 1243 बैड, 100 ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर, 10 ओटी 4 कैथलैब , विश्व स्तरीय मोर्चरी तथा एयर एम्बुलेंस की सुविधा भी होगी।

सरकारी अस्पताल लोगों को दुनिया का बेहतरीन उपचार मिल सकेगा। यहां मेडिकल मार्टेयर मेमोरियल भी बनाया जाएगा।

पांच पड़ोसी राज्यों से आने वाले मरीजों को भी इसका मिलेगा।हालांकि यह सब बनने में लगभग तीन साल का समय लगेगा।