‘ब’ से बुलाकी-‘ब’ से बीकानेर, ‘ज’ से जेठानंद-‘ज’ से जैसलमेर, साहब नहीं भाईसाहब
सोशल मीडिया पर समर्थक जोश-खरोश से लड़ रहे हैं बीकानेर पश्चिम का चुनाव
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। ‘ब’ से बुलाकी-‘ब’ से बीकानेर, ‘ज’ से जेठानंद-‘ज’ से जैसलमेर, साहब नहीं भाईसाहब, सोशल मीडिया पर इन दिनों बीकानेर पश्चिम विधानसभा चुनाव को लेकर रोचक मीम्स व चुनाव प्रचार की सामग्री देखने को मिल रही है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही के समर्थक अपनी रचनात्मकता इसमें डाल रहे हैं। कांग्रेस समर्थक ऐसे वीडियो वोटरों को भेज रहे हैं जिसमें एक व्यक्ति लोगों से पूछता है बताओ ब से लोग बोलते हैं बुलाकी, दुबारा पूछा जाता है ब से लोग बोलते हैं बीकानेर। वहीं पूछा जाता है ज से लोग बोलते हैं जेठानंद, दुबारा पूछा जाता है ज से लोग कहते हैं जैसलमेर। यह तरीका भाजपा प्रत्यशी जेठानंद को बीकानेर से बाहरी होने के बारे में बताने को लेकर अपनाया गया है। वहीं भाजपा वाले भी नहीं चूक रहे हैं।
ओडियो वीडियो व प्रचार सामग्री सोशल मीडिया पर
वे डॉ. कल्ला के बीकानेर पूर्व के अपने घर में निवास करने को लेकर ओडियो वीडियो व प्रचार सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। एक पोस्ट में कहा गया है कि कांग्रेस प्रत्याशी ने पांच साल तक लोगों को पूरब में पवनपुरी के अपने निवास की पार्किंग में पर सुनवाई के लिये इंतजार कराया।
भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में साहब नहीं भाईसाहब चाहिये नारा भी गाहे-बेगाहे दिख रहा है। दोनों प्रत्याशियों के पक्ष में गीत भी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेट फार्म पर दौड़ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. कल्ला के पक्ष में गीत एक वोट कल्लाजी को दे तकदीर बदल सकते हो। दूसरा गीत जो रिंग टोन के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है वो है वोट फॉर बीडी कल्ला होवे बीकाणे माही गूंज रहा है।
बीकानेर पश्चिम सू अबकी आयो जेठानंद है
दूसरी ओर भाजपा ने जेठानंद व्यास के लिये गीत तैयार किए हैं उनमें प्रमुख गीत है बीकानेर पश्चिम सू अबकी आयो जेठानंद है। आयो जेठानंद है आनंद ही आनंद है। कांग्रेस रे खातर मोरे घर रहा फाटक बंद है। गीत गूंज रहा है। वहीं डॉ. कल्ला के पक्ष में जो एक और गीत सोशल मीडिया की रील में घूम रहा है वो है बार रै नेताओं री अठै नो एंट्री, कल्लोजी करसी विक्ट्री अधिक बज रहा है।
बीडी कल्ला जिंदाबाद बाकी जाओ इलाहबाद
बीडी कल्ला जिंदाबाद बाकी जाओ इलाहबाद नारे लगते वीडियो भी सोशल मीडिया पर हैं। कुछ प्रचार सामग्री या कहें समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्टें स्तरहीन भी हैं, दोनों प्रत्याशियों को चाहिये कि वे अपने प्रत्याशियों के प्रचार के जोश में ऐसी पोस्ट ना अपलोड कर दें जिससे उनको लेने के देने पड़ जाएं।
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