विद्यार्थियों को नई चेतना, नई उमंग, मानवीय मूल्यों व आदर्शों से भी जोड़ेने की आवश्यकता : डॉ. पूनिया
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय की सुखी जीवन आनंदम कार्यशाला शुरू
बीकानेर, (समाचार सेवा)। विद्यार्थियों को नई चेतना, नई उमंग, मानवीय मूल्यों व आदर्शों से भी जोड़ेने की आवश्यकता : डॉ. पूनिया, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के वाइस चेयरमैन प्रोफेसर एमपी पूनिया ने कहा कि आज विद्यार्थियों में नई चेतना, नई उमंगों को जगाते हुए उन्हें मानवीय मूल्यों व आदर्शों से भी जोड़ेने की आवश्यकता है।
डॉ. पूनिया मंगलवार को बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों हेतु सुखी जीवन आनंदम की 5 दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि योग्य समर्पित, ईमानदार, सहृदय व निष्ठावान विद्यार्थी वर्तमान शिक्षा के स्वरूप में बदलाव ला सकते हैं। डॉ. पूनिया ने कहा कि अवसाद आज की पीढ़ी का में प्रमुख समस्याओं में से एक हो गई है, ना केवल युवा बल्कि बड़े बुजुर्ग भी इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में अवसाद का बढ़ना स्वाभाविक है।
ऐसे में बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा सुखी जीवन आनंद नाम के पांच दिवसीय 16 से 21 जून ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की जा रहा है। सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर आधारित इस कार्यक्रम से विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, प्रो.अम्बरीश शरण विद्यार्थी ने कहा कि आज की शिक्षा हमें विषय की जानकारी देती है पर दैनिक व्यवहार कैसा होना चाहिए यह नहीं सिखाती।
अगर हर व्यक्ति इस कार्यशाला से गुजरे तो समझ की दिशा बढ़ेगी और हम सामाजिक भागीदारी को पहचान पाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा यदि विद्यार्थियों में प्रेम, दया, विश्वास, करुणा व त्याग की भावनाएं पैदा नहीं करती, तो ऐसी शिक्षा भविष्य में निरर्थक व अनुपयोगी सिद्ध होती है।
कार्यशाला में निदेशक अकादमिक, डॉ यदुनाथ सिंह, मानवीय मूल्य प्रकोष्ठ की डीन डॉ अल्का स्वामी, डॉ सरोज लखावत असिस्टेंट डीन ह्यूमन वैल्यू एजुकेशन ने भी विचार रखे। संचालन डॉ स्वाति भंसाली द्वारा किया गया।
समारोह में डॉ रेखा मेहरा, डॉ प्रीति पारीक, डॉ अनु शर्मा, डॉ रूमा भदौरिया ,डॉ सरोज बाला गुप्ता, विनोद वर्मा, ज्ञान सिंह, ललित दुसाद, केसरी चंद पुरोहित, राजेश सुथार, सुरेंद्र झागोर, मनवीर सिंह, आशु शर्मा, डॉ शालिनी श्रीवास्तव, डॉ अखिलेश्वर माथुर, सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ आदि उपस्थित थे।
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