बीकानेर में प्रेस-पुलिस संबंधों में आई जबरदस्त खटास
पत्रकार करेंगे पुलिस व प्रशासन की पत्रकारवार्ताओं का बहिष्कार
बीकानेर, (samacharseva.in)। बीकानेर में प्रेस और पुलिस के संबंधों में खटास आ गई है। बीकानेर में पत्रकारों के साथ पुलिस के खराब रवैये को लेकर अनेक बार जिला प्रशासन, बीकानेर पुलिस रेंज के अधिकारियों तथा सरकार के मंत्रियों को भी इस बारे में अवगत कराने के बाद भी पुलिस के रवैये में सुधार नहीं होने पर बीकानेर के पत्रकारों की कोर कमेटी ने बुधवार को सर्किट हाउस में बैठक करने के बाद सामूूहिक रूप से सर्वसम्मति से पुलिस और प्रशासन की पत्रकार वार्ताओं तथा सरकारी कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया।
इसके अलावा कमेटी ने यह भी निर्णय लिया कि इस दौरान राजनैतिक दलों के कार्यक्रमों में कोई भी पत्रकार शिरकत नहीं करेंगा। बैठक में हाल ही में बीकानेर के दो वरिष्ठ पत्रकारों के साथ थाने में हुई ज्यादती के मुद़दे पर भी चर्चा हुई और इसमें पुलिस की कार्रवाई की घोर निंदा की गई। बैठक में पुलिस दवारा पत्रकारों से दुर्दांत अपराधियों की तरह व्यवहार करने की कार्यशैली पर रोष प्रकट किया गया तथा सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि यह सब नहीं रुका तो पत्रकार आंदोलन को और तेज करेंगे।
बिना वजह दुर्वव्यवहार करने का पुलिस का रवैया अब असहनीय
बैठक में पत्रकार दीपचंद सांखला ने कहा कि पत्रकारों से बिना वजह दुर्वव्यवहार करने का पुलिस का रवैया अब असहनीय है। सरकार में बैठे नुमाइंदो व उच्चाधिकारियों को इस मामले में ठोस कार्रवाई करनी ही होगी। पुलिस के दुर्वव्यहार की बारम्बारता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण राघव ने कहा कि पत्रकारिता के पेशे में पत्रकार का स्वाभिमान बनाये रखना सरकार, प्रशासन व पुलिस का दायित्व है। ऐसे में यदि इस कार्य में कोई भी बाधा बने तो ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत एक्शन होना ही चाहिये।
बीकानेर प्रेस क्बल के अध्यक्ष अनुराग हर्ष ने कहा कि दिन रात पुलिस व प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले पत्रकारों के साथ पुलिस दवारा किया गया व्यवहार घोर निंदनीय है। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिये। पत्रकार हरीश बी शर्मा ने कहा कि हाल ही में बीकानेर के दो वरिष्ठ पत्रकारों के साथ पुलिस दवारा की गई कार्रवाई सोची समझी साजिश लगती है। उन्होंने कहा कि यदि पत्रकारों को सबक सिखाने के लिये इस प्रकार की कार्रवाई की गई है तो इसकी पूरी जांच व दोषियों को सजा दिया जाना बहुत जरूरी है। नहीं तो पुलिस व प्रेस के संबंधों में आई यह खटास बढती जाएगी।
दुर्वव्यहार की जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई जारी बेहद जरूरी
पत्रकार विक्रम जागरवाल ने कहा कि पुलिस दवारा किए जा रहे दुर्वव्यहार की जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई जारी बेहद जरूरी है। कुछ अधिकारी व पुलिस कर्मी अपनी निजी अंह को तुष्ट करने के लिये पत्रकारों के साथ दुर्वयहार कर रहे हैं तो ये नाकाबिले बर्दाश्त है। जर्नलिस्ट एसोसियेशन ऑफ राजस्थान के बीकानेर के अध्यक्ष श्याम मारु ने पत्रकारों के साथ पुलिस दवारा की जा रही दुर्वव्हार की घटनाओं को दुर्भाग्य पूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पुलिस प्रेस व प्रशासन के रिश्तों पर साथ बैठकर विचार किया जाए।
बैठक में पत्रकार ब्रजमोहन रामावत ने कहा कि पिछले लंबे समय से पुलिस के द्वारा जिले के पत्रकारों के साथ दुव्यहार किया जा रहा है। पुलिस की इस प्रेक्टिस को रोकने के लिये पत्रकारों को एकजुटता से अपनी बात सरकार व आलाधिकारियरों को बताकर विरोध भी जताना होगा। वरिष्ठ पत्रकार भवानी जोशी ने कहा कि पुलिस के दुर्रव्यवहार की सूचना समय समय पर कई बार पुलिस व प्रशासन के आलाअधिकारियों को अवगत कराया जाता रहा है मगर इन मामलों में छोटी मोटी कार्रवाई होने के कारण यह मामले रुक नहीं रहे हैं। ऐसे में इस विषय पर गंभीरता से सरकार को अवगत कराना होगा।
सत्ता में बैठे लोगों को भी इसमें भागीदारी निभानी होगी
वरिष्ठ पत्रकार हनुमान चारण ने कहा कि प्रेस, पुलिस और प्रशासन के रिश्ते मधुर रहे इसके लिये सत्ता में बैठे लोगों को भी इसमें भागीदारी निभानी होगी। बीकानेर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जयनारायण बिस्सा ने कहा कि पत्रकारों की शान पर आने वाली किसी आंच को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपनी कलम से लोगों को न्याय दिलाने वाले पत्रकारों के साथ दुर्वव्हार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी जरूरी है। बैठक में पत्रकार मधु आचार्य, सतवीर सिह, अपर्णेश गोस्वामी, रौनक व्यास, जयप्रकाश गहलोत, धीरज जोशी व नीरज जोशी ने भी अपने विचार रखे।
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