ऊंटनी के दूध से बनेगी शुगर फ्री आइसक्रीम
एनआरसीसी व खेतरपाल उद्योग के बीच हुआ एमओयू
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। ऊँटनी के दूध से निर्मित आइसक्रीम उत्पाद बनाने की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) बीकानेर ने बुधवार कोबीकानेर के गांव मूंडसर के श्री खेतरपाल उद्योग को किया है। इस अवसर पर दोनों संस्थाओं के बीच एमओयू साइन किया गया।
खेतरपाल उद्योग गांव मूंडसर बीकानेर के प्रोपराइटर मुन्नी राम चौधरी ने कहा कि ऊंटनी के दूध से शुगर फ्री आइसक्रीम उत्पाद तैयार कर सर्वप्रथम बीकानेर के गांवों तथा स्थानीय नगर स्तर पर इसकी लोकप्रियता व उपादेयता बढ़ाने हेतु अन्य गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर घर-घर सम्पर्क किया जाएगा।
चौधरी ने कहा कि उनका गाय व भैंस के दूध का पारंपरिक व्यवसाय है, परंतु ऊँटनी के दूध की मानव स्वास्थ्य में उपयोगिता खासकर मधुमेह रोग में इसकी लाभकारिता को देखते हुए एनआरसीसी से आइसक्रीम उत्पाद बनाने की प्रौद्योगिकी ली गई है।
राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) बीकानेर के केन्द्र के निदेशक डॉ. आर.के.सावल ने कहा कि ऊँटनी के दूध से निर्मित आइसक्रीम का निर्माण से दूध में विद्यमान आवश्यक वसीय अम्ल, मानव त्वचा, मांसपेशियों व हृदय को स्वस्थ्य बनाए रखने में मददगार हो सकेंगे।
एनआरसीसी की उष्ट्र डेयरी प्रौद्योगिकी एवं प्रसंस्करण इकाई के प्रभारी डॉ.योगेश कुमार ने कहा कि केन्द्र द्वारा ऊँटनी के दूध से नवीन तकनीक द्वारा उष्ट्र दुग्ध निर्मित आइसक्रीम बनाने की विधि तथा अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू, कम्पनी को हस्तांतरित किए गए हैं। तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया।
एमओयू के इस अवसर पर इस फर्म व विभिन्न स्वयं सहायता समूह से जुड़ी इंदुसिंह, भगवती देवी तथा केन्द्र के मनजीत सिंह, डॉ.राकेश पूनियां आदि भी मौजूद थे।
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