नन्दी गौशाला खोलने पर सरकार देगी 50 लाख रु.
बीकानेर। सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर बढ़ते निराश्रित नर गौवंश की समस्या से राहत देने के लिए जिले में नन्दी गौशाला शुरू की जाएगी। इसके लिए सरकार 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगी।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अशोक विज ने बताया कि यह सहायता तब मिलेगी, जब नन्दी गौशाला खोलने वाली स्वयंसेवी संस्था या गौशाला 30 फीसदी काम करके उसका सत्यापन करा देगी।
नन्दी गौशाला की क्षमता 500 या इससे अधिक सांड व बैलों की होगी। डॉ. विज ने बताया कि नन्दी गौशाला खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसमें केवल सांड, बैल और नर बछड़ों के रखरखाव व पालन पोषण की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने हर जिले में नन्दी गौशाला खोलने की घोषणा वर्ष 2018-19 के बजट में की थी।
सर्वश्रेष्ठ का होगा चयन
संयुक्त निदेशक ने बताया कि नन्दी गौशाला खोलने के लिए आवेदन मिलने पर उनकी जांच की जाएगी। संस्था या गौशालाओं को उनके आवेदन में दर्शाए अनुसार उनकी गौशालाओं में उपलब्ध सुविधाओं एवं वित्तीय व्यवस्थाओं के आधार पर मूल्यांकन कर सर्वश्रेष्ठ का चयन किया जाएगा, सर्वश्रेष्ठ संस्था को नन्दी गौशाला खोलने की स्वीकृति दी जाएगी।
नवीन कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात्् संबंधित संस्था को स्वयं के हिस्से की 30 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी। यदि वे यह राशि जमा नहीं कराना चाहते हैं तो इतनी राशि का निर्माण, विकास कार्य पूर्ण करा कर प्रमाणन, मूल्यांकन कराना आवश्यक होगा।
उन्होंने बताया कि इच्छुक संस्था पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक कार्यालय से फॉर्म लेकर अपना आवेदन जिला कलक्टर कार्यालय में पेश कर सकते हैं।
नन्दी गौशालाएं खोलने की यह होगी पात्रता
संयुक्त निदेशक ने बताया कि नन्दी शाला संचालन करने वाली गौशाला या स्वयंसेवी संस्था का राजस्थान गौशाला अधिनियम 1960 या राजस्थान सोसायटी अधिनियम 1958 के तहत रजिस्टर्ड होना आवश्यक है।
ऐसी गौशालाओं के विरूद्ध कोई वित्तीय अनियमितता या गबन का प्रकरण विचाराधीन नहीं होना चाहिए। गौशालाओं के पास स्वयं के स्वामित्व की 25 बीघा जमीन या सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त लीज (न्यूनतम 20 वर्ष) की भूमि उपलब्ध होनी आवश्यक है। गौशाला में न्यूनतम 500 या अधिक नन्दी गौवंश का संधारण किया जा रहा हो।
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