सिस्ट्म में गुम हुई श्मशान की फाइल, नेता-अधिकारी मौन
उषा जोशी
बीकानेर, (समाचार सेवा)। सिस्टम में गुम हुई श्मशान की फाइल, नेता-अधिकारी मौन, चौखूंटी सार्वजनिक श्मशान भूमि स्थल के पास कान्य कुब्ज सर्वब्राहम्ण समाज की श्मशान भूमि है। इस श्मशान भूमि की चारदीवारी जर्जर हो चुकी है। अन्य स्नान करने आदि की सुविधायें भी इस श्मशान भूमि पर नहीं है। इस श्मशान भूमि को सम्हाल रहे पंडित सुरेन्द्र शुक्ला ने इस वर्ष जनवरी माह में कलक्टर को पत्र लिखकर श्मशान भूमि की चारदीवारी बनाने व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने की गुहार की।
कलक्टर ने नगर निगम को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दे दिये। शुक्ला बताते हैं लगभग आठ महीने बाद भी कोई काम नहीं हुआ है। पूछने पर बताया जाता है कि श्मशान भूमि पर होने वाले निर्माण कार्य की फाइल गुम हो चुकी है। महापौर को बताया गया तो उन्होंने कहा लिखकर दो शिकायत फाइल गुम हुई है तो एफआईआर करवाउंगा। काम भी होगा। ना एफआईआर हुई ना काम हुआ। शुक्ला बताते हैं कुछ माह पूर्व इस श्मशान भूमि पर एक नवजात एक महीने की बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया।
बच्ची के शव को गडढा खोदकर दफनाया था। एक दिन बाद ही दफनाई गए बच्ची के शव को कुत्ते निकाल कर ले गए। यह जानकारी भी प्रशासन के अधिकारियों, नेताओं को दी मगर किसी के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। शुक्ला बताते हैं,इस कार्य के लिये वे निगम के छोटे अधिकारी से लेकर एडीएम सिटी, कलक्टर, संभागीय आयुक्त, लोकायुक्त सचिवालय, नगर निगम महापौर नारायण चौपडा, बीकानेर पूर्व की विधायक सिधि कुमारी, केबिनेट मंत्री डॉ. बुलाकीदास कल्ला, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सभी से मिल चुके हैं।
कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शुक्ला के अनुसार श्मशान भूमि जैसे सार्वजनिक कार्यों के लिये भी सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि व स्थानीय प्रशासन चलाने वाले अधिकारी गंभीर नहीं है तो किसी के व्यक्तिगत कार्यों का करने में ये लोग कितना समय लगाते होंगे। शुक्ला ने बताया कि कान्य कुब्ज श्मशान भूमि 70 वर्ष पूर्व स्व. बद्रीनारायण शुक्ला दवारा बनवाया गया। यहां एक कमरा व चारदीवारी बनी हुई थी। आज चार दीवारी जर्जर हो चुकी है। पं. सुरेन्द्र शुक्ला ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से इस श्मशान भूमि की रख रखाव कर रहे हैं।
जर्जन चारदीवारी के निर्माण के लिये सरकार के दरवाजे कई बार खटखटाये हैं। उन्होंने बताया कि श्माशन भूमि स्थल के पास गंदगी का ढेर लगा रहता है। ऐसे में अंतिम संस्कार के लिये आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है। शुक्ला ने बताया कि श्मशान भूमि के चारों और 100 गुना 70 की भूमि पर चार दीवारी निर्माण, श्मशान स्थल पर प्रवेश व निकासी दवार, स्नानघर, पानी की टंकी तथा अंतिम संस्कार में काम आने वाली लकडियों के लिये एक स्टोर बनाये जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि निगम आयुक्त इन कार्यों के लिये टैण्डर निकाल चुके थे। ठेकेदार को काम का आदेश भी दिया जा चुका था। अब बताया जाता है कि काम से संबंधित फाइल खो चुकी है। मुझे ही फाइल ढूंढकर लाने को कहा जा रहा है। पिछले चार महीने से मुझे बस यही जवाब दिया जा रहा है कि फाइल नहीं मिली। ले आओ, काम शुरू कर देंगे।
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