इस क्षेत्र में Koo App बना पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
जयपुर, (समाचारसेवा)। इस क्षेत्र में Koo App बना पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म , कू ऐप (Koo App) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने मूल एल्गोरिदम को सार्वजनिक किया है।
- यह कदम यूजर्स को ऐसे कंटेंट का प्रबंधन करने का अधिकार देता है जिसे वे देखना चाहते हैं
- यह जागरूक करता है कि एल्गोरिदम यूजर्स के अनुभवों और पसंद को कैसे प्रभावित करता है
- यह कू को एक पारदर्शी और सुरक्षित मंच के रूप में स्थापित करता है
इससे यह स्वदेशी ऐप अपनी एल्गोरिदम के दर्शन और काम करने के तरीके को पेश करने वाला पहला महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है। यह कदम यूजर्स के हितों पर केंद्रित है और मंच की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए कू ऐप की प्रतिबद्धता को दोहराता है।
यह यूजर्स को यह जानने का अधिकार देता है कि वे कोई सामग्री क्यों देख रहे हैं। इन एल्गोरिदम को मार्च 2022 में कू ऐप की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया था।
ये एल्गोरिदम गणित के कई नियमों का एक समूह है जो यूजर्स के व्यवहार और प्राथमिकताओं के आधार पर उनके अनुभवों को उनकी पसंद के मुताबिक और बेहतर बनाने में मदद करता है। इन एल्गोरिदम का मूल सिद्धांत है कि यूजर्स के लिए प्रासंगिकता को बढ़ावा मिले।
कू ऐप हमेशा ऐसे पारदर्शी और समझदार एल्गोरिदम के निर्माण पर केंद्रित रहा है जो बिना किसी रुकावट के लगातार काम करे, अब मंच यूजर्स को यह शिक्षित और जागरूक करना चाहता है कि कू ऐप इन लक्ष्यों को कैसे हासिल करता है।
कू ऐप फ़ीड, ट्रेंडिंग हैशटैग (#), लोगों की रिकमंडेशंस और नोटिफिकेशंस जैसे अपने चार मुख्य एल्गोरिदम के प्रमुख वैरिएबल्स की चर्चा करता है। ये चार एल्गोरिदम यूजर्स द्वारा देखे और इस्तेमाल किए जाने वाले कंटेंट के प्रकार को तय करते हैं।
इस संबंध में कू ऐप के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “कू ऐप सोशल मीडिया पर पारदर्शिता और भरोसे को बढ़ावा देने में सबसे आगे है। हमारे एल्गोरिदम बिना किसी हस्तक्षेप और पूर्वाग्रह के काम करते हैं।
हमारे एल्गोरिदम के बारे में खुलकर बात करना यूजर्स को यह बताने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है कि कू ऐप में कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है।
हमारे एल्गोरिदम के अलावा, सभी यूजर्स के व्यापक फायदे के लिए, सभी नीतियों को हमारी वेबसाइट पर कई भाषाओं में भी समझाया गया है।
हम यूजर्स को इस बारे में बताना जारी रखेंगे कि कू ऐप कैसे संचालित होता है और किस तरह से हम भविष्य के लिए एक सुरक्षित, निष्पक्ष और विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बना रहे हैं।”
कू ऐप के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा, “हम अपने मूल हितधारकों यानी यूजर्स और क्रिएटर्स पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
यूजर्स को सही क्रिएटर्स खोजने और क्रिएटर्स को सही यूजर्स तक पहुंचने में मदद करना महत्वपूर्ण है। हमारे एल्गोरिदम इसे हासिल करने में मदद करते हैं और यूजर्स की प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए कई अनुभवों को उनकी पसंद के मुताबिक भी करते हैं।
हम पारदर्शिता को अपना अडिग विश्वास मानते हैं। अपने एल्गोरिदम को सार्वजनिक करके यूजर्स को यह समझाने की दिशा में एक कदम उठा रहे हैं कि हम प्रासंगिकता कैसे बढ़ाते हैं।
एल्गोरिदम लगातार विकसित हो रहे हैं और बार-बार इस्तेमाल किए जाते हैं और जब हम इन्हें प्रकाशित करना शुरू करते हैं, तो आने वाले वक्त में अगर यूजर्स चाहें तो हम उनको टाइमलाइन फ़ीड देखने के लिए लचीलापन भी प्रदान करेंगे।
यह उन्हें दोनों दुनिया का सबसे बेहतर प्रदान करता है।”इससे पहले कू ऐप ने हाल ही में दुनिया में पहली बार स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन को सक्षम करके सभी यूजर्स को मंच पर असल आवाज के रूप में पहचाने जाने के लिए सशक्त बनाया।
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