फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण निरस्त करवायेगा स्वदेशी जागरण मंच
बीकानेर, (समाचार सेवा)। फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण निरस्त करवाने के लिए स्वदेशी जागरण मंच अभियान चलाएगा। मंच के अनुुुुसार प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर भारतीय खुदरा व्यापार के हित में बहुराष्ट्रीय कम्पनी वालमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट का किया गया अधिग्रहण निरस्त करवाने की मांग की जाएगी।
मंच की महानगर इकाई के संयोजक मधुसूदन व्यास की अध्यक्षता में गुरुवार को इस संबध में बैठक आयोजित हुई। व्यास ने बताया कि भारत में असंगठित क्षेत्र के अंतर्गत खुदरा व्यापार में लाखों लोग किराणा, सब्जी, कोस्मेटिक, हार्डवेयर, कपड़ा, स्टेशनरी, इलेक्ट्रिक वस्तुओं का व्यवसाय कर अपना एवं अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं।
एक तरफ युवाओं का देश भारत, अपने युवाओं को हर हाथ को काम देने में भी पिछड़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बहुराष्ट्रीय कम्पनी वालमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट कम्पनी के अधिग्रहण से भारतीय खुदरा व्यापार में बेकडोर एंट्री कर व्यापार को नष्ट करने का बडा कदम उठाया गया है।
प्रमेश अग्रवाल ने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच द्वारा प्रधानमंत्री को उचित माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा तथा राष्ट्र हित को ध्यान में रख हस्तक्षेप करते हुए इस डील समाप्त कराने की कार्यवाही सुनिश्चित करने का आग्रह किया जाएगा। गगन आचार्य ने बताया कि वैश्विक परिदृश्य से परिलक्षित होता है कि वालमार्ट कम्पनी द्वारा सस्ता सामान खरीद कर उत्पादकों से भी धोखा किया जाता है।
इससे भारतीय उद्योग व किसान अछूते नहीं रहेंगे। ऐसे में ‘मैक इन इण्डिया’ को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। श्रवण राइका ने कहा कि भारत में अभी तक ई-काॅमर्स से संबंधित विस्तृत कानून नहीं बन पाये हैं तथा बी2बी ई-कामर्स के लिए भी कोई विशेष नियम नहीं हंै। ऐसे में ऐसी बड़ी कम्पनी द्वारा गलत तरीके से अपना ई-कामर्स व्यवसाय शुरू कर लेना नियमों से खिलवाड़ है।
अशोक जोशी ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 में फ्लीपकार्ट द्वारा अपने अंतिम खातों का पूर्ण विवरण आयकर विभाग में प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसके बावजूद फ्लीपकार्ट द्वारा वालमार्ट से बड़ी राशि प्राप्त करना कानून उचित प्रतीत नहीं होता है। पूनम राइका ने कहा कि इस डील से ई-कामर्स में होने वाली खुदरा व्यापार में निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भारी क्षति पहुचाऐगी।
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