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सेना ने रेतीले धोरों में बसे गांव चीड़ासर को आतंकियों के कब्‍जे से कराया मुक्‍त

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बीकानेर, (समाचार सेवा)  सेना ने रेतीले धोरों में बसे गांव चीड़ासर को आतंकियों के कब्‍जे से कराया मुक्‍त, पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों में बसे गांव चीड़ासर के कुछ घरों में शुक्रवार को आतंकियों ने कब्‍जा कर लिया।

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इसकी सूचना मिलने के बाद इंडियन आर्मी और रॉयल आर्मी ऑफ ओमान के जांबाज सैनिक हैलीकॉप्टर ध्रुव के जरिए आतंकियों के ठिकाने तक पहुंचे और आपसी समन्‍यव, आधुनिक हथियारों व टेक्‍टनोलॉजी की मदद से  आतंकवादियों को नेस्तनाबूद कर दिया।

वास्‍तव में यह भारत और ओमान का संयुक्त सैन्य अभ्यास प्रदर्शन’ अल नजाह’ था। अभ्‍यास के दौरान ओमान सेना के बिग्रेडियर हुमैद अब्‍दलाह हुमैद, कर्नल तालिब सलीम मसूद अल हाशमी, कर्नल सैयद सुहैल अभध जेदा, सीएमडीई खामिश सैयद के एल फारसी तथा कैप्‍टन सैयद सुलेमान अल सादी मौजूद रहे।

भारतीय सेना के ब्रिगेडियर जितेश राली, कर्नल आदित्‍य कुमार एसएम उपस्थित रहे। युद्धाभ्यास को लेकर ब्रिगेडियर जितेश ने कहा कि दोनों देशों की सेना ऐसे अभ्यासों से किसी भी ऐसे संकट में साथ ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अभ्यस्त होती है।

अभ्‍यास के अंतिम 48 घंटे लगातार सत्यापन के साथ व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम के रूप में प्लान किया गया। आतंकियों को दबोचने में संयुक्त मोबाइल वाहन चेक पोस्ट, संयुक्त घेरा डालने का अभ्यास, तलाशी अभियान चलाने, युद्ध कौशल के तरीके भी अपनाए गए।

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दोनों देशों का यह संयुक्त युद्धाभ्यास शनिवार 13 अगस्त तक चलेगा। सही मायने में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (एमएफएफआर) के विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुक्रवार को किया गया

भारत और ओमान का चौथे संस्करण का यह संयुक्त सैन्य अभ्यास प्रदर्शन’ अल नजाह’ आतंकवादी खतरों का खात्मा करने पर केन्द्रित रहा।

इसमें भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 18 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन तथा ओमान की सेना का प्रतिनिधित्व पैराशूटरेजीमेंट सुल्तान ने किया। ओमान दल की शाही सेना में 60 सैनिक और भारतीय सेना 18 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन के 60 सैनिक शामिल रहे।

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दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त अभ्यास में आतंकवादी खतरों का खात्मा करने का अभ्यास किया। साथ ही सैनिकों में पेशेवर बातचीत व आपसी समझ विकसित की।

अभ्यास के दौरान संयुक्त कमान की स्थापना, ऑपरेशन नियंत्रण पर भी काम किया गया। इस युद्धाभ्यास का आगाज सोमवार 1 अगस्त से शुरू हुआ था।

ओमान पैराशूट रेजीमेंट सुल्तान के जवान रविवार 31 जुलाई को ही महाजन फील्डन फायरिंग रेंज पहुंच गए थे। भारतीय सेना पहले से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में मौजूद थी। इन सेनाओं ने अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ युद्धाभ्यास किया।

इससे पहले अल नजाह का पिछला संस्करण मस्कट में 12 से 25 मार्च 2019 तक आयोजित किया गया था। ओमान की शाही सेना अपने साथ अपने देश के सैन्य उपकरण भी लाई।

वे अपने देश के सैन्य विमान के साथ महाजन फील्ड फायरिंग रेंज पहुंचे। ओमान के साथ किए गए इस युद्धाभ्यास से पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस के साथ भी यहां युद्धाभ्यास किया जा चुका है।

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युद्धाभ्यास ने कराया युद्ध का सा भान

आसमान में मंडराते हेलीकॉप्टर, धोरों पर धड़धड़ाते टैंक और अपने  लक्ष्य को भेदने के लिए साहस और एकाग्रता से आगे बढ़ते दोनों सेनाओं के जाबांज सैनिकों को सामने देखकर ग्रामीणों को विश्‍वास हो गया कि गांव जल्‍द आतंकियों के कब्‍जे से मुक्‍त करा लिया जाएगा।

दुश्मन की नजरों से बचने के लिए हैंड ग्रेनेड के स्मोक को ढाल बनाया गया। जब एक सैनिक दुश्मन की गोली से घायल हुआ तो रॉयल आर्मी के सोल्जर ने उसे कवर दिया और भारतीय सेना का आर्म्ड एम्बुलेंस टैंक मैडिकल हेल्प उपलब्‍ध कराई।

आतंकियों को कर दिया ढेर

मकान में आतंकवादियों को नेस्तनाबूद करने के लिए सैनिक मकान को चारों तरफ से घेर लेते हैं। मकान के दरवाजे को एक्सप्लोजिव के जरिए उड़ा दिया जाता है और मकान में छिपे आतंकियों को ढेर कर दिया जाता है।

आतंकियों के ठिकाने पर मिले विस्फोटक

रीमोटली ऑपरेटेड व्हीकल के जरिए डिफ्यूज किया जाता है।

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