“उर्दू रामायण” शहर की सांझी संस्कृति की प्रतीक – डॉ. कल्ला
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। “उर्दू रामायण” शहर की सांझी संस्कृति की प्रतीक – डॉ. कल्ला, शिक्षा एवं कला-संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि बीकानेर में लिखी “उर्दू रामायण” शहर की सांझी संस्कृति की प्रतीक है।
डॉ. कल्ला रविवार को होटल मरुधर हेरिटेज में पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब के अदबी कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने रामायण के सन्देश को जन कहा कि राना लखनवी ने में उर्दू रामायण लिख कर रामायण के संदेशों जनसाधारण तक पहुंचाने का कार्य किया है।
उर्दू रामायण का वाचन वरिष्ठ शाइर ज़ाकिर अदीब, असद अली असद व डॉ नासिर जैदी ने किया। आयोजक संस्था के डॉ. ज़िया उल हसन क़ादरी ने बताया कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के लिए मौलवी बादशाह हुसैन खान राना लखनवी ने रियासतकाल में ये नज़्म लिखी, जिसे विश्वविद्यालय ने गोल्ड मेडल से नवाजा।
महाराजा गंगा सिंह ने इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया। मुख्य अतिथि पूर्व महापौर हाजी मक़सूद अहमद ने कहा कि 87 वर्ष पूर्व लिखी उर्दू रामायण का महत्व आज भी बरकरार है। इस अवसर पर अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।
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