बीकानेर में 100 रुपये में करो राजशाही विक्टोरिया बग्गी की सवारी
बीकानेर, (समाचार सेवा)। बीकानेर में 100 रुपये में करो राजशाही विक्टोरिया बग्गी की सवारी। बीकानेर आने वाले पर्यटकों के लिये राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र ने एक और सौगात तैयार की है।
यहां आने वाले पर्यटक अश्व अनुसंधान केन्द्र परिसर में सौ रुपये में राजशाही बग्गी की सवारी का आनंद ले सकेंगे। शनिवार को इस सेवा का शुभारंभ कर दिया गया है।
केन्द्र के निदेशक डॉ. एससी मेहता ने बताया कि केन्द्र में आने वाले पर्यटक अब अश्व की सवारी, प्राकतिक नजारों का आनंद लेने के साथ बग्गी की सवारी भी कर सकेंगे।
डॉ. मेहता ने बताया कि अश्व अनुसन्धान केंद्र में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अब तांगा एवं हॉर्स राइडिंग के साथ साथ इस बग्गी को भी जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि यहां पर्यटकों के लिये एडवेंचर राईड का आयोजन भी किया जाएगा। डॉ: मेहता ने बताया कि यहां आने वाले पर्यटक केंद्र की प्राकृतिक छटा का आनंद लेते हुए अश्वों की विभिन्न नस्लों एवं प्रजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने बताया की इस वर्ष बीकानेर का सावन वास्तव में बहुत अच्छा है एवं शिव बाड़ी पर हर सोमवार को लगने वाले मेलों में आने वाले भक्तों के लिए भी यह एक सौगात है, वह यहाँ पर आकर मात्र 100 रु में इस बग्गी की सवारी कर सकते हैं।
शनिवार को स्थानीय उद्यमी सुरेश गोयल, व्यवसायी सुरेन्द्र जैन तथा महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष पूरण चन्द राखेचा ने केंद्र के बग्गी की पहली राईड (सवारी) की। बग्गी को केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एस सी मेहता ने झंडी दिखा कर प्रारंभ किया।
इस अवसर पर परिसर के हर्बल गार्डन में 22 औषधीय पौधे और लगाये गए। कार्यक्रम में श्रीमती सविता मेहता, कमलेश जैन, कल्याण सुथार, वीरेंद्र कुलड़िया, विजय धमीजा, डॉ रमेश देदड, डॉ जितेन्द्र सिंह, डॉ रामावतार पचोरी, महेंद्र सिंह, ओम प्रकाश, गोपाल उपस्थित थे ।
जोड़–बीड़ को बनाएंगें इको–टूरिज्म का हब : डॉ एस सी मेहता
राष्ट्रीय अश्व अनुसन्धान केंद्र के बीकानेर परिसर शनिवार को दो पर्यावरण प्रेमी मिले एवं दोनों की कर्म भूमि बीकानेर का जोड़-बीड़ क्षेत्र है।
दोनों ही अपने अपने कार्य क्षेत्र में पर्यावरण एवं इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्प है। अवसर था वन विभाग के साथ अश्व अनुसंधान केंद्र पर वन महोत्सव मनाने का।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पधारे जिला वन अधिकारी राम निवास कुमावत ने केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एस सी मेहता के साथ गुलमोहर के पौधे लगा कर इस कार्यक्रम की शुरुआत की।
वन महोत्सव के उपलक्ष्य में गुलमोहर , नीम एवं करंज के कुल 1000 पौधे लगाये गए। कुमावत ने कहा कि जोड़-बीड़ क्षेत्र में एक से एक बेहतरीन प्रजाति की बर्ड्स मौजूद है एवं उनको देखने देशी – विदेशी पर्यटक अच्छी संख्या में आने लगे हैं।
मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ बाहर से आने वाले पक्षियों की संख्या में वृद्धि होने लगी है, उन्होंने जोड़ बीड के विकास के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अश्व अनुसन्धान केंद्र बीकानेर के प्रभारी अधिकारी डॉ एस सी मेहता ने कहा कि अश्व अनुसन्धान केंद्र में जोड़-बीड़ को इको-टूरिज्म का हब बनाने के लिए एक पेनोरमा बनाया जायेगा।
इससे यहाँ आने वाले वैज्ञानिक, किसान, पर्यटक आदि इस क्षेत्र में पाए जाने वाले फ्लोरा एवं फोना ( पशु एवं पेड़ पौधे ) के बारे में जान सकें।
बीकानेर का जोड़ बीड क्षेत्र अश्व, उष्ट्र, हिरन, मोर एवं गिद्धों की विभिन्न प्रजातियों के लिए जाना जाता है। अब इसे इन पशु –पक्षियों के लिए और उपयुक्त बनाया जायेगा।
अश्व अनुसन्धान केंद्र का हर्बल गार्डन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने लगा है । इसमें अबतक करीब 25 विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पौधे लगाये जा चुके हैं।
डॉ मेहता ने यह बताया की बीकानेर में पर्यावरण से प्रेम करने वाले एवं अपने अपने क्षेत्र में पर्यावरण पर कार्य करने वालों का एक समूह बनाया जायेगा एवं वर्ष में 3-4 अनोपचारिक बैठकें अलग अलग स्थानों पर की जाएगी।
इस कार्य को गति प्रदान की जाएगी। डॉ रमेश देदड, डॉ राव, डॉ जितेन्द्र सिंह, कमल सिंह, डॉ पचोरी, नरेंद्र चौहान, बृज लाल, सत्यनारायण एवं अश्व अनुसन्धान केंद्र के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे ।
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