कौन बनेगा उप महापौर, घमासान आज
बीकानेर, (समाचार सेवा)। कौन बनेगा उप महापौर, घमासान आज, नगर निगम उपमहापौर का चुनाव बुधवार को होगा। कांग्रेस व भाजपा ने अब तक भी अपने उम्मीदवारों के नाम ओपन नहीं किये हैं। नगर निगम सभागार में बुधवार को 10 बजे बैठक प्रारंभ होगी। उप महापौर पद के लिये नामांकन पत्रों का प्रस्तुतीकरण सुबह 11 बजे तक हो।
नामांकन पत्रों की समीक्षा 11.30 बजे से की जाएगी। बुधवार को ही दोपहर 2 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। अपने महापौर के चयन के लिये पार्ष्द बुधवार दोपहर 2.30 से 5 बजे तक वोट कर सकेंगे। मतदान के तुरंत बाद मतगणना होगी।
कौन होगा कांग्रेस का उप महापौर प्रत्याशी
कांग्रेस पार्टी में उप महापौर पद के लिये पार्षद जावेद पडिहार का नाम सबसे आगे चल रहा है। इसके साथ ही पार्षद परमानंद गहलोत के नाम पर भी चर्चा की गई। जावेद पडिहार गत निगम बोर्ड में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व निभा चुके हैं। ऐसे में पडिहार का नाम उपमहापौर पद के चुनाव के लिये सोचा गया था। पडिहार के अलावा उप महापौर पद का प्रत्याशी बनाने के लिये पार्षद परमानंद गहलोत के नाम पर भी मंथन किया गया।
कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि जावेद को प्रत्याशी बनाने पर अल्पसंख्यक वर्ग से जीते भाजपा के पार्षद क्रास वोटिंग कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी में दो या तीन पार्षदों को उप महापौर पद के लिये नामांकन दाखिल करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई। जिसमें सोचा गया कि भाजपा के प्रत्याशी के सामने आने के बाद उसी आधार पर कांग्रेस के एक प्रत्याशी को छोडकर बाकी प्रत्याशी नामांकन वापस ले लेंगे।
पार्टी में मंगलवार शाम से ही एक नाम तय करने के लिये चर्चा शुरू की मगर मंगलवार देर रात तक उप महापौर के लिये कोई नाम तय नहीं किया जा सका। कांग्रेस के पार्षदों ने किसी भी एक नाम पर आपसी सहमति नहीं दर्शाई। बुधवार सुबह कांग्रेस के पार्षदों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उप महापौर प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मोहर लगनी है। कांग्रेस के पास हाथ के सिंबल पर जीते हुए 30 तथा अन्य स्वतंत्र सिम्बल पर जीते हुए सात पार्षद हैं।
भाजपा में भी एक नाम पर सहमति नहीं
भाजपा में पार्षद अरविन्द किशोर आचार्य, राजेन्द्र पंवार, कविता पंवार, विनोद धवल के नाम को उप महापौर का प्रत्याशी बनाये जाने की चर्चा के बाद भी भाजपा किसी एक का नाम तय नहीं कर पाई।
हालांकि भाजपा ने महापौर का चुनाव जीतने के बाद मंगलवार दोपहर से ही उपमहापौर के नाम के चयन की कवायद शुरू कर दी थी मगर देर रात तक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन सकी। महापौर के मतदान के बाद सभी पार्षदों को देशनोक स्थित धर्मशाला में रखा गया। निर्णय संगठन पर छोडा गया है।
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