रविवार 18 अगस्त 2019-बीकानेर के समाचार
उषा जोशी,
बीकानेर, (समाचार सेवा)। रविवार 18 अगस्त 2019-बीकानेर के समाचार, बीकानेर जिले के समाचारों को समाचार सेवा की वेबसाइट पर एक साथ उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। यह समाचार बुलेटिन नियमित रूप से अपडेट होता रहेगा। इससे samacharseva.in के पाठक दिन में एक ही पोस्ट को अलग-अलग समय में खोलकर अपडेट समाचारों से अवगत हो सकेंगे।
सूरसागर से निकाला पॉलिथीन और कचरा
उषा जोशी,
बीकानेर, (समाचार सेवा)। बीकानेर शहर में हुई बरसात के बाद सूरसागर में बरसाती पानी के साथ बहकर आए कचरे को निकालने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अलावा पम्पों के जरिये सूरसागर से जल निकासी का कार्य भी चल रहा है। कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बताया कि गत दिनों आई वर्षा के कारण ऐतिहासिक सूरसागर में आसपास का बरसाती पानी आ गया था और इसके साथ ही बड़ी संख्या में कचरा जिसमें विशेषकर पॉलिथीन भी है सूरसागर में आ गया।
यहां से कचरा हटाने और पॉलिथीन को सूरसागर से निकालने का कार्य किया जा रहा है। सफाई कर्मियों तथा अन्य स्टाफ के सहयोग से सूरसागर की साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है और पंप हाउस के माध्यम से पानी की निकासी जारी है। जिला कलक्टर ने बताया कि सूरसागर की सीढ़ियों को साफ करने तथा बोट के जरिये गंदगी को निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि सूरसागर को पुनः सुन्दर व स्वच्छ बनाया जायेगा। उन्होंने शहर में बरसात से हुई गंदगी को साफ करने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए है।
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संस्कारित बच्चे समाज का श्रृंगार : मुनिश्री मणिलाल जी
उषा जोशी,
बीकानेर, (समाचार सेवा)। जैन मुनि मणिलाल स्वामी ने कहा कि बचपन में जिन संस्कारों को बालक ग्रहण करता है उसका प्रभाव उसके सम्पूर्ण जीवन पर पड़ता है। मुनिश्री रविवार को गंगाशहर स्थित नैतिकता का शक्तिपीठ पर आचार्यश्री तुलसी की मासिक पुण्यतिथि व ज्ञानशाला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्ञानशाला के माध्यम से भावी पीढ़ी में संस्कारों का जागरण किया जाता है।
इसमें प्रशिक्षिकाओं का अच्छा श्रम लग रहा है। मुनिश्री ने कहा कि फूलों को यदि मालाकार न मिले तो वह गिरकर पैरों में कुचले जाते है किन्तु यदि उन्हें मालाकार मिल जाए तो वही फुल हार बनकर श्रृंगार बनते है। ठीक इसी तरह बच्चे भी फूल है। कार्यक्रम में मुनिश्री सुमतिकुमारजी ने कहा कि ज्ञानशाला का उपक्रम गुरुदेव तुलसी की एक महत्त्वपूर्ण देन है। मुख्य वक्ता जिला उद्योग केन्द्र कोटा के महाप्रबंधक राजेन्द्र सेठिया ने कहा कि ज्ञानशाला संस्कार निर्माण की फैक्ट्री हैं।
आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ में ज्ञानशाला के माध्यम से बच्चों में संस्कार, सेवा एवं धर्म का बीजारोपण किया जाता है। मुनिश्री आदित्यकुमारजी ने कहा कि ज्ञानशाला में जाने से अच्छी संगति प्राप्त होती है। उन्होंने गीत के माध्यम से बच्चों को प्रेरणा दी। मुनिश्री कुशलकुमारजी ने रोचक प्रश्नों के माध्यम से बच्चों को सद्संस्कारों के बारे में बताया।
ज्ञानशला प्रशिक्षिकाओं द्वारा गीत का गायन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ज्ञानार्थी भरत संचेती तथा गौरव छलाणी द्वारा महाप्रज्ञ अष्टकम् के संगान से हुआ। इसके बाद ज्ञानार्थियों द्वारा ‘‘ज्ञानशाला ज्ञान गीत’’ का सुमधुर संगान किया। प्रशिक्षिका सुनीता पुगलिया ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
ज्ञानार्थियों द्वारा प्रस्तुत ‘‘तुलसी-महाप्रज्ञ’’ लद्यु नाटिका की सभी ने सराहना की। कार्यक्रम को तेरापंथ युवक परिषद् के मंत्री देवेन्द्र डागा, महिला मण्डल मंत्री कविता चौपड़ा, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष डॉ. पी.सी. तातेड़, ज्ञानशाला के क्षेत्रीय संयोजक रतन छलाणी ने भी सम्बोधित किया। संचालन रतन छलाणी ने किया।
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नोखा में वरिष्ठ नागरिकों को दी विधिक सेवाओं की जानकारी
उषा जोशी,
बीकानेर, (समाचार सेवा)। नोखा के नगर पालिका सभागार में रविवार सुबह वरिष्ठ नागरिकों को विधिक सेवाए (नालसा) योजना के तहत समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन में लगभग 300 लाभार्थियों ने हिस्सा लिया। समारोह में अतिथियों द्वारा दिव्यांगों व निशक्तजनों में महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर के सहयोग द्वारा ट्राई साईकिल, व्हील चैयर, (श्रवण यंत्र) व बैशाखी भी सौंपी गई।
शिविर स्थल पर विभिन्न विभागों के द्वारा लोगों की सहायतार्थ काउन्टर लगाये गए। इन काउंटरों पर विभिन्न योजनाओं के आवेदन पत्र वितरित व जमा किये गए। समारोह की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बीकानेर के कार्यवाहक अध्यक्ष व बीकानेर के अपर जिला एवम् सेशन न्यायाधीश संख्या 01 राम अवतार सोनी ने की। न्यायधीश सोनी ने बताया कि आयोजन के दौरान लोगों को विधिक चेतना के रूप में निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने की योजना की जानकारी दी गई।
राजस्थान पीड़िता प्रतिकर स्कीम 2011, मुफ्त कानूनी सलाह, की जानकारी दी तथा राष्ट्रीय लोक अदालत व मध्यस्थता के महत्व की व्याख्या की तथा उपस्थित जन समूह को विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का मौके पर लाभ उठाने बाबत् प्रोत्साहित किया। समारोह में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकराण जयपुर की निदेशक श्रीमती अर्चना मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। बीकानेर के अपर जिला एवम् सेशन न्यायाधीश पवन कुमार अग्रवाल ने कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में एडीजे 03, बीकानेर न्यायाधीश निहाल चंद, किराया अधिकरण बीकानेर के एसीजेएम राहुल चौधरी, नोखा के एसीजेएम जयपाल ज्याणी, जिला प्रशासन के प्रतिनिधि रमेश देव (एसडीएम), बार सचिव चुन्नीलाल बरोड़, द्वारका प्रसाद, तहसीलदार नोखा, समाजिक न्याय अधिकारिता विभाग बीकानेर के उपनिदेशक लीलाधर पंवार, नगर पालिका अध्यक्ष नारायण झंवर, नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी राजुराम जाट, भगवान महावीर विंकलाग सहायता समिति के अनन्तवीर जैन, उपस्थित रहे। संचालन राजेन्द्र सिह राठोड़ ने किया।
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फ़ूल पाकीज़ा मुहब्बत के जहां खिलते हैं खूबसूरत वो समनज़ार है रक्षाबन्धन – जाकिर
उषा जोशी,
बीकानेर, (समाचार सेवा)। ईद और रक्षा बन्धन के अवसर पर रविवार को होटल मरुधर हेरिटेज में त्रिभाषा काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब द्वारा आयोजित गोष्ठी में शाइर ज़ाकिर अदीब ने अपनी रचना फ़ूल पाकीज़ा मुहब्बत के जहां खिलते हैं खूबसूरत वो समनज़ार है रक्षाबन्धन जिसमें अहसास की पाकीज़गी शामिल है “अदीब” एक ऐसा ही तो त्यौहार है रक्षा बन्धन पर दाद बटोरी।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ ब्रह्मराम चौधरी ने कुंवर तेजाजी को समर्पित रचना प्रस्तुत की- लाग्यो लाग्यो जेठ आषाढ़ कुंवर तेजा रे लगते ही बरस्यो सांवण भादवो सरदार अली परिहार ने दार्शनिक कविता “रिश्वत और आत्मा” सुनाई। रहमान बादशाह ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में ग़ज़ल सुनाई- ऐसी तू दुनिया बसा जिसमें सुकूने कल्ब हो और जिसमें नफ़रतें हों वो ज़माना छोड़ दे कवि राजकुमार ग्रोवर ने दोहे सुनाए- ऊँचा नीचा कछु नहीं उत्तम है सब काम मेहनत, लगन, ईमान से मिले जो बढ़िया काम तामेश्वरदयाल तारक की ग़ज़ल भी खूब सराही गई
– कौन है अपना यहाँ पर और पराया कौन है वक़्त ने परिचय कराया आज हर किरदार का। जुगल किशोर पुरोहित की बारिश पर लिखी कविता भी पसन्द की गई- तुम गगन से बून्द बन कर इस धरा पर आ रही। असद अली असद ने आगन्तुकों का स्वागत किया।सञ्चालन डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने किया। अब्दुल जब्बार बीकानवी ने आभार माना।
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मुठ़ठी भर लोग लुट रिया है मारे देश री लाली ने…
उषा जोशी,
बीकानेर, (समाचार सेवा)। राजीव गांधी भ्रमण पथ पंचवटी में स्वास्थ्य साहित्य राष्ट्रीय कवि चौपाल कि 217 वीं कड़ी के तहत कविता पाठ किया गया। कार्यक्रम में डॉ. तुलसीराम मोदी ने ‘‘मुठ़ठी भर लोग लुट रिया है मारे देश री लाली ने, जिमें खायो पेट भर छेद कर रियों है थाली में’’ राजस्थानी रचना प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता में नेमचंद गहलोत ने की।
मुख्य अतिथि जब्बार बीकाणवी रहे। विशिष्ट अतिथि बी.एल. नवीन व राजकुमार ग्रोवर थे। कार्यक्रम में सरोज भाटी ने ‘‘वीणा वादिनी दर्श दिखा दो मन वीणा के तार सजा दो’’ सरस्वती वन्दना कर कार्यक्रम को प्रारम्भ किया। राजकुमार ग्रोवर ने ‘‘बडे बडाई नहीं करे, कैसे बोले बोल’’ रचना प्रस्तुत की। कृष्णा वर्मा ने ‘‘जीवन जीणो भूल गया विज्ञान रो आया जमानों, पूराना दिन भूल गया’’ मधुरिमा सिंह ने ‘‘मैने सोचा जीवन का रास्ता, सरल और छोटा है, कट जाएगा’’ रचना सुनाई।
किशननाथ ने ‘‘गले में मादलियों राखो, चालो सावल चेत’’ रचना सुनाई। राजू लखोटिया ने ‘‘आने से उसके आए बाहार, जाने से उसके जाए बाहार’’ गीत पर बांसुरी वादन किया। महबूब अली ने ‘‘बादशाही भी जख मारेगी, सर पर हाथ रहेगा तेरा’’ केलाश दान ने ‘‘सुनहले धोरे पर बैठा, भादूडे री तीज आई’’ रचना सुनाई फजल मोहम्मद ने ‘‘मुस्कुरा कर फरेब खाता जा, जिन्दगानी को आजमाता रहा’’ शानदार गजल सुनाई सरदार अली पडिहार ने ‘‘बीता बचपन, जवानी अपना रंग दिखा रही है’’ रचना सुनाई।
शिवकुमार सौलंकी ने ‘‘परोसी हुई थाली’’ हास्य रचना सुनाई। शमीम ने ‘‘आजदी तो पाली हमने जंजीरे कुछ बाकी है, कुछ वादे पूरे करने है कुछ कसमें खानी बाकी है’’। सिराजूदिन भूटा ने ‘‘जिंदा रहने के लिए निकल जाएगी सुरत अपनी आंखो में, ख्वाब सजा के देखे’’ शानदार गजल प्रस्तुत की। जब्बार बिकाणवी ने ‘‘भारत भारतीय मेरा प्यार, प्यार की बाते करो,
मत करो बेवफाई’’ राजेन्द्र शर्मा ने ‘‘दिलों में बहुत नफरते मोहब्बत फैलाओं दोस्तो, हमारा हिन्दुस्तान पीछे है आगे बढाओं दोस्तो’’ रचना प्रस्तुत की। मंच संचालान कृष्णा वर्मा ने किया।
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महिलाओं ने धूमधाम से मनाई कजली तीज
उषा जोशी,
बीकानेर, (समाचार सेवा)। शहर में भादो मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाने वाली कजली तीज महोत्सव रविवार को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। राजस्थान ब्राह्मण महासभा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष आरती आचार्य के निवास पर शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन को अच्छा रखने के लिए व्रत रखा।
कन्याओं ने अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखा व तीज माता की पूजा कर सामूहिक रूप से कहानी सुनी। इस अवसर पर आरती आचार्य, प्रेरणा चतुर्वेदी, दीपिका श्रीमाली, जमुना, विजयलक्ष्मी व्यास, अनुराधा आचार्य, गामिनी आचार्य, अनु शर्मा, सुशीला बोड़ा सविता गौड़ उपस्थित रही।
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रंगकर्मी-शायर आनन्द वी आचार्य को दी श्रद्धाजंलि
उषा जोशी,
बीकानेर, (समाचार सेवा)। वरिष्ठ रंगकर्मी, शायर व लेखक आनन्द वी. आचार्य की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा रवीन्द्र रंगमंच परिसर में रविवार को हुई। नगर के रंगकर्म, साहित्य, संगीत व अन्य कलाओं से जुड़े अनेक सृजनधर्मियों ने आनन्द आचार्य को श्रद्धांजलि देते हुए उनसे जुड़े संस्मरण साझा किए। वरिष्ठ रंगकर्मी ओम सोनी ने आनन्द वी आचार्य को कला का सच्चा साधक बताया।
वरिष्ठ पत्रकार लूणकरण छाजेड़ ने उन्हें साहित्य और रंगकर्म के बीच सेतु की संज्ञा दी। रंग निर्देशक दयानन्द शर्मा ने ‘कर्ण कथा’ में आचार्य द्वारा अभिनीत भीष्म के किरदार को याद करते हुए उन्हें असाधारण कलाकर बताया। वरिष्ठ रंगकर्मी प्रदीप भटनागर ने उनके रंगजीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें बीकानेर के कला जगत का आधार स्तंभ कहा। शायर इरशाद अजीज ने कहा कि आनन्द जी का जाना एक सदमे जैसा है।
रंगकर्मी नवल व्यास ने अपनी श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि आचार्य जी साथ काम करके कभी भी उम्र और अनुभव के अन्तर का आभास नहीं होता था। व साथी कलाकारों को सहज और तनावमुक्त रखते थे। वरिष्ठ साहित्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि उन्होंने रंगकर्म को सही अर्थों में जीते हुए प्रगतिशील विचारों को आगे बढ़ाया। कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि आनन्द जी ने बीकानेर के रंग-जगत को नई ऊंचाइयां दी।
कवि अनिरुद्ध उमट ने गांधी पर लिखे नाटक के दौरान अनुभवों को साझा किया। कैलाश भारद्वाज, लक्ष्मीनारायण सोनी, विपिन पुरोहित, बुलाकी शर्मा, चाँद रजनीकर, नीरज दैया, ज्योति प्रकाश रंगा, रामसहाय हर्ष, विजय सिंह राठौड़, रमेश शर्मा, दिलीप सिंह भाटी, इकबाल हुसैन, सलीम, रफीक कादरी, सुरेश हिंदुस्तानी, अमित-असित गोस्वामी, मोहम्मद हारून, प्रदीप माथुर, नगेन्द्र किराड़ू, मयंक सोनी, संजय पुरोहित, मीनू गौड़, हनुमंत गौड़,
शैलेंद्रसिंह भाटी, जीत सिंह, संगीता शर्मा, पूनम चौधरी, विनीता शर्मा, चंद्रशेखर शर्मा, शिवशंकर व्यास, चंद्र शेखर आचार्य, नवीन शर्मा, अनवर अजमेरी, कुमार बीएम हर्ष, एम हारून, विजय कुमार शर्मा, अनूपसिंह, सुरेश आचार्य, शिवकुमार सोनी, अभय सिंह टाक, बुलाकीदास भोजक, मुनीन्द्र अग्निहोत्री, दीनदयाल शर्मा, एम.दत्ता, जे.के.अग्रवाल, देवकृष्ण सारस्वत, भरत राजपुरोहित, के.के.रंगा, योगेंद्र पुरोहित, विकास शर्मा, मईनुदीन, डॉ. अजय जोशी, गिरिराज पारीक सहित अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधि व युवा रंगकर्मियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम का संचालन हरीश बी.शर्मा ने किया।
हर ओर शोक की लहर
वरिष्ठ रंगकर्मी-शायर आनंद वी.आचार्य के निधन पर देश भर के रंगकर्मियों ने शोक जताया है। आज रवींद्र रंगमंच पर श्रद्धांजलि सभा के दौरान सभी के शोक संदेश पढ़े गए। राजस्थानी फिल्मों के अभिनेता शिरीष कुमार, क्षितिज कुमार, राज जांगिड़, रंगकर्मी जगदीश सिंह राठौड़, सुनील टाक, जय नीरज राजपुरोहित, दीपक पारीक, जुगल छिंपा आदि ने भी दुख जताया है।
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