×

सैनिटरी नैपकिन, सेक्सुअल हैरेसमेंट, यौन उत्पीडन पर सार्वजनिक बात करना साहसिक पहल – डॉ. दीप्ति

Public speaking on sanitary napkins, sexual harassment, sexual harassment, bold initiative - Dr. Deepti

एमजीएसयू में कार्यस्थल पर महिला उत्पीडन के विभिन्न आयामों पर हुआ संवाद 

सेंटर ‌‌फॉर वूमेंस स्ट्डीज ने लगवाई एमजीएसयू परिसर में पैड मशीनें

बीकानेर, (समाचार सेवा)। बीकानेर नर्सिंग होम की प्रसूतिशास्री डॉक्टर दीप्ति वहल ने कहा कि सैनिटरी नैपकिन, सेक्सुअल हैरेसमेंट, यौन उत्पीडन कुछ ऐसे शब्द हैं जिनपर सार्वजनिक मंच से बात करके सेंटर फॉर वूमेंस स्ट्डीज ने साहसिक पहल की है।

DSC_0934 सैनिटरी नैपकिन, सेक्सुअल हैरेसमेंट, यौन उत्पीडन पर सार्वजनिक बात करना साहसिक पहल - डॉ. दीप्ति
सैनिटरी नैपकिन की मशीनों का उद्घाटन समारोह

डॉ. दीप्ति बुधवार को महाराजा गंगासिंह विश्‍वविधालय बीकानेर के सेंटर फॉर वूमेंस स्ट्डीज तथा एंटी सेक्सुअल हैरेसेमेंट सैल की ओर से विवि परिसर में महिला विद्यार्थियों की सुविधा हेतु सैनिटरी नैपकिन की मशीनों का उद्घाटन समारोह को मुख्‍य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। डॉ. दीप्ति ने स्वास्थ संबंधी टिप्स देते हुए कहा कि अब बातों का नहीं, एक्शन लेने का समय है। 

2-2 सैनिटरी नैपकिन, सेक्सुअल हैरेसमेंट, यौन उत्पीडन पर सार्वजनिक बात करना साहसिक पहल - डॉ. दीप्ति
????????????????????????????????????

उन्होंने कहा कि पीरियड्स एक जैविक प्रकिया है, जो हार्मोन्स में बदलाव के कारण होती है और निहायत ही नैसर्गिक है, इसमें छुआछूत जैसा कुछ नहीं। समारोह में सेंटर फॉर वूमेंस स्ट्डीज की डायरेक्टर डॉ. मेघना शर्मा ने स्वागत भाषण में अथितियों के समक्ष सेंटर द्वारा परिसर में दो वर्ष पूर्व अपने आरंभ से लेकर अबतक की गतिविधियों की जानकारी दी। 

dms-1-2 सैनिटरी नैपकिन, सेक्सुअल हैरेसमेंट, यौन उत्पीडन पर सार्वजनिक बात करना साहसिक पहल - डॉ. दीप्ति

समारोह के दौरान कार्यस्थल पर महिला उत्पीडन, बचाव, निषेध एवं निवारण विषयक संवाद में बीजवक्ता एडवोकेट मंजू मिश्रा ने कहा कि 1997 में हुए भंवरी हत्याकांड के बाद सेक्सुअल हैरसमेंट एक्ट बना, कामकाजी महिलाएं कार्यस्थल पर यदि किसी तरह के उत्पीडन का शिकार होती हैं तो परिवाद दायर कर जांच समिति के सामने अपनी बात रख सकती हैं जिसकी समस्त जानकारी गोपनीय रखी जाती है और सूचना के अधिकार के तहत भी नहीं निकलवाई जा सकती। 

DSC_0910 सैनिटरी नैपकिन, सेक्सुअल हैरेसमेंट, यौन उत्पीडन पर सार्वजनिक बात करना साहसिक पहल - डॉ. दीप्ति

कार्यक्रम अध्यक्ष एमजीएस विवि के कुलपति प्रो भगीरथ सिंह ने कहा कि सुरक्षित, संरक्षित, सम्मानित महिला का निर्माण समाज की ज़िम्मेदारी है, उन्होंने कहा कि आज शोधपरक दृष्टिकोण विकसित कर सरकारी गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत महिलाओं की वास्तविक स्थितियों महिला पुरुष के मध्य आनुपातिक अध्ययन समय की जरूरत है। कुलपति व मंचस्थ अतिथियों ने छात्रसंघ पदाधिकारियों की उपस्थिति में पैड मशीन का उद्घाटन किया।

DSC_0881 सैनिटरी नैपकिन, सेक्सुअल हैरेसमेंट, यौन उत्पीडन पर सार्वजनिक बात करना साहसिक पहल - डॉ. दीप्ति
????????????????????????????????????

एंटी सेक्सुअल हैरेसमेंट सैल की समन्वयक डॉक्टर सीमा शर्मा ने दुनिया बदल ही जाएगी के उद्घोष के साथ आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। आयोजन में प्रो सुरेश अग्रवाल, प्रो अनिल छंगाणी, प्रो राजाराम चोयल, डॉ. जसवंत खीचड़, डॉ. अनिल कुमार दुलार, डॉ प्रगति सोबती, संतोष शेखावत, डॉ. नामामिशंकर, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, रामावतार उपाध्याय, डॉ गौरीशंकर निमिवाल, के साथ साथ छात्रसंघ उपाध्यक्ष कन्हैयालाल, महासचिव प्रीति व्यास और संयुक्त सचिव वीरेंद्र सुथार व भारी संख्या में विद्यार्थी  उपस्थित रहे। मंच संचालन नेहा राजपुरोहित ने किया।

Share this content:

You May Have Missed

error: Content is protected by SITInovations!!