हर साल करोड़ों रु. खर्च फिर भी शहर का हाल-बेहाल
बीकानेर। बीकानेर शहर के विकास में हर साल सरकारें करोड़ों रुपये व्यय करती है मगर शहर का हाल अब भी बेहाल है। इसके बावजूद कांग्रेस-भाजपा नेताओं के अपने अपने सरकार के समय में विकास के दावे करते हैं मगर धरातल पर आम आदमी को परेशानी के अलावा कुछ नहीं मिलता। शहर की बदहाली पर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप मंढते ही नजर आते हैं।
शहर का दुर्भाग्य रहा कि न तो कांग्रेस शासन के अंतिम समय तक स्थानीय जिम्मेवार जनप्रतिनिधियों द्वारा इन परियोजनाओं की प्रोपर मॉनिटरिंग की गई और ना ही भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल के दौरान इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाये जा सके।
कहने को सूरसागर के विकास के नाम पर जोरदार वाहवाही लूटी गई पर हकीकत यह है कि एडीबी परियोजना के तहत सूरसागर के विकास के लिये जो योजना स्वीकृत की गई थी उससे हटकर जल्दबाजी में विकास के ऐसे काम करवाये गए जो ना तो स्थायी महत्त्व के थे और ना ही गंदे सागर के रूप में परिवर्तित इस तालाब की सड़ांध को समाप्त करने में काम आ सके।
आज भी जब राहगीर सूरसागर के पास से गुजरता है तो वह हर कीमत पर सड़ांध से बचकर निकलना चाहता है। बीकानेर में पक्ष और विपक्ष दोनों जनप्रतिनिधियों द्वारा कांग्रेस व भाजपा के संगठन के नाम पर वार्ड स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाकर जनता की समस्याओं को सूचीबद्ध किया बावजूद इसके शहर की मुख्य सड़कों, अलियों-गलियों और नाले, नालियां उफान के साथ सड़ांध फैला रही है।
जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हैं, जनप्रतिनिधियों ने इन्हे जन समस्या के रूप में सूचीबद्ध ही नहीं किया है। अगर किया होता तो उनके जनसंपर्क के बाद वार्ड साफ सुथरे होते। बीकानेर शहर के मध्य स्थित रामपुरियों की हवेलिया देशी-विदेशी पर्यटकों के लिये आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।
राज्य सरकार के प्रयासों से हवेलियों के आवागमन के क्षेत्र को हेरिटेज मार्ग के रूप में विकसित भी किया गया है पर वहां आम रास्तों पर लगी गंदगी के ढेर, गंदे पानी की समुचित निकासी नहीं होने की वजह से मुख्य मार्ग पर फैले गंदे पानी से बचकर निकलना पर्यटकों के लिये दुष्कर हो रहा है। नगर निगम के जिम्मेवार लोग आंखे मूंदे हुए बैठे हैं, सफाई व्यवस्था के नाम पर बंदरबांट हो रही है।
जनता इस भीषण गर्मी में गंदगी की वजह से संक्रामक रोगों से ग्रसित हो रही है। नगर निगम के महापौर अपनी कुर्सी को बचाने के लिये सभी वार्डो के पार्षदों को समान रूप से 10-10 लाख रुपये विकास कार्यों के लिये आबंटित कर अपनी कुर्सी को सुरक्षित माने बैठे हैं।
वार्ड पार्षदों के परिजन अथवा उनके मिलने वाले ही ठेकेदारी का काम कर रहे हैं, उन्होंने अब तक कितने कार्य प्रारंभ किए, कितने पूरे हुए और उनकी गुणवत्ता का मानक क्या है इसकी भी जांच होनी चाहिये तभी जनता के लिये वास्तविक रूप से सुविधायें सुलभ हो सकेगी।
कांग्रेस ने कराये विकास के अनेक काम : हर्ष
शहर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट हीरालाल हर्ष के अनुसार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के पांच प्रमुख शहरों के साथ बीकानेर शहर में बुनियादी नागरिक सुविधाओं के विस्तार के लिये एशियन विकास बैंक परियोजना के तहत लगभग 115 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की थीं। स्वीकृत परियोजनाओं में मुख्य रूप से सूरसागर का विकास, सड़कों का शहर में सीवरेज लाइन बिछाने तथा गंगाशहर, भीनासर में बन रहे नये सूरसागर की रोकथाम के लिये उपचारात्मक विकास कार्य कराने प्रमुख थे। जबकि वर्तमान भाजपा सरकार की विकास कार्यों में कोई रुचि नहीं है।
सरकार का मूल मंत्र सबका साथ-सबका विकास : जोशी
भारतीय जनता पार्टी के नेता व निगम पार्षद प्रेमरतन जोशी प्रेमसा का कहना है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने शहर की सबसे बड़ी सूरसागर की समस्या का समाधान करवाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का मूल मंत्र ही सबका साथ-सबका विकास है। जोशी ने कहा कि कांग्रेस के नेता आंकड़े बाजी में अधिक विश्वास रखते हैं कागजी आंकड़े बताकर वे अपने को सही साबित करने का प्रयास करते हैं मगर मोदी-वसुन्धरा राज में धरातल पर काम हुआ है। जहां तक शहर की गंदगी व दूसरी अन्य समस्यायें हैं उनको दुरस्त करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। जन सहभागिता से भी नगर को साफ सुथरा रखने के लिये व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।
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