अच्छी खबर, “कोरोना काल में प्रकृति ने दिए अच्छे जमाने के संकेत”
बीकानेर, (समाचारसेवा)। अच्छी खबर, “कोरोना काल में प्रकृति ने दिए अच्छे जमाने के संकेत”, परंपरागत मौसम के पूर्वानुमानों ने इस बार अच्छे मानसून के संकेत दिये है। और कई स्थानों पर किसानों ने अपने खेतों को मई माह में ही तैयार करने में लग गए है।
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर में पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.अनिल कुमार छंगानी के अनुसार इस बार रोहिड़े, नीम, फोग आदि में फूल आना, खेजड़ी पर अच्छी तादाद में सांगरी लगना, कैरों का उत्पादन कम होना, अच्छे जमाने के संकेत हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार घरेलू चिड़िया गोरैया ने 3 और 4 अंडे एक साथ दिए तथा जिनमें 85 से 90% हैचिंग सफल रही। टिटहरी ने भी चार चार अंडे दिए साथ ही अंडे ऊंचाई वाले स्थानों पर दिए जो अपने आप में अच्छी बारिश के संकेत हैं। प्रो. छंगानी के अनुसार राजस्थान और विशेषकर थार मरुस्थल में किसान सालों से इसी तरह मौसम का और बारिश का पूर्वानुमान लगाता रहा है, जो आज भी सार्थक और सटीक है।
इसी के चलते किसान अपने खेतों में तैयारियां शुरू कर देते हैं खेतों की तैयारी निर्भर रहती है, खेतों में बीज का मिश्रण तय करते हैं, साथ ही लगातार आंधियों के चलते, कुछ प्री मॉनसून साइक्लोनिक बारिशों कभी पूर्वानुमान है। इससे घास और छोटी झाड़ियों की बढ़ोतरी हुई, जिसके चलते मरुस्थल के बायोमास और जैव विविधता में बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
प्रो. छगानी के अनुसार इस बार हाउस स्पैरो (गोरैया) , बेब्लर, बुलबुल, तीतर, मोर, टिटहरी, गोयरा, कोबरा, घरेलू छिपकलियों, लंगुरो, चिंकारा, ब्लैकबक, नीलगाय, सूअर आदि कई प्रजातियों का भी प्रजनन 85% से 100% तक सफल रहने का पूर्वानुमान है।
Share this content: