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Neeraj Joshi
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वेट और जीएसटी की मांग वसूली हो स्थगित – बीकानेर टैक्स कंसलटेंट्स एसोसिएशन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा पत्र
बीकानेर, (samacharseva.in)। बीकानेर टैक्स कंसलटेंट्स एसोसिएशन बीकानेर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजकर कोरोना काल में वेट और जीएसटी की मांग वसूली को स्थगित करने के गुहार लगाई है। अपने पत्र में ऐसोसिएशन ने वाणिज्य कर विभाग को इस संबंध में आदेश देकर राजस्थान के व्यापार और उद्योग को इस महामारी में इस विकट स्थिति में राहत दिलवाने का आग्रह किया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष जे. डी. चूरा व सचिव एडवोकेट गणेश कुमार शर्मा ने सीएम से आग्रह किया है कि आपदा के इस काल में बकाया मांग राशि के लिए जारी नोटिस एवं इसकी वसूली को तुरन्त रूकवाने का कष्ट करें तथा साथ ही समस्त वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों को अति आवश्यक एवं कालातीत होने वाले मामलों के अलावा किसी भी प्रकार के नोटिस जारी नहीं करने का निर्देश देवें ताकि पहले से ही कोरोना से पीड़ित और संघर्ष कर रही राज्य की जनता को राहत मिल सके।
टैक्स कंसलटेंट्स एसोसिएशन बीकानेर ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस समय राज्य और पूरा देश कोरोना के प्रकोप से संघर्ष कर रहा है। सरकार ने डीलर्स को राहत देने के लिए राज्य में मिसमैच को दूर करके तथा सी-फार्म आदि पेश करने की तिथि को 30 सितम्बर तक बढ़ा दिया है। इसके बावजूद भी राज्य के वाणिज्य कर विभाग ने वैट और जीएसटी में मांग वसूली के नोटिस जारी कर वसूली के लिए जोर देना शुरू कर दिया है।
साथ ही अनेक कर निर्धारण अधिकारी किसी न किसी रूप में नोटिस जारी कर व्यापारियों एवं प्रोफेशनल्स को इसकी अनुपालना निश्चित तारीख को करने के लिए दबाव डाल रहें हैं। जबकि कोरोना महामारी बीकानेर में विशेष रूप में अपने पांव पसार चुकी है। पत्र में मुख्यमंत्री को बताया गया है कि विभाग की ओर से जारी नोटिस की अनुपालना नहीं करने पर इक तरफा आदेश होने की पूर्ण संभावना है। इसके चलते व्यापारियों पर अनावश्यक आर्थिक भार आ जाएगा।
पत्र में बताया गया है कि जिन मांग के लिए नोटिस दिये जा रहे है उनमें से अधिकांश मांग तो मिसमैच, सी-फॉर्म की प्रस्तुती, संशोधन प्रार्थना पत्र के लंबित होने, पिछली साल के संशोधन के बाद आधिक्य अगले साल में नहीं ले जाना, संशोधन के बाद मांग कम होने या आधिक्त आ जाने पर उसके अगले साल के ब्याज पर प्रभाव नहीं लेने पर आधारित है जिनकी समस्त सूचना विभाग की पत्रावली पर उपलब्ध है।
जिसे एक विशेष अभियान के तहत विभाग को स्वयं ही अपनी पत्रावलियां जांच कर कम करना चाहिए लेकिन ऐसे मामलों में भी मांग कम किये बिना नोटिस जारी किये जा रहे है। पत्र में बताया गया है कि वर्तमान में वाणिज्यिक कर विभाग बीकानेर में व्यापारियों द्वारा प्रस्तुत इनपुट मिसमैच एवं संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र सैकड़ो की संख्या में लंबित पड़े है। इनका निस्तारण अधिकारिक स्तर पर नहीं किया जा रहा है। पत्रावलियां स्टाफ के अभाव में अधिकारियों के समक्ष पेश नहीं हो रही है।
इसके अलावा 25 हजार से ऊपर के इनपुट मिसमैच के मामलों में विक्रेता, फर्मों के संबंधित कर निर्धारण अधिकारियों के द्वारा सत्यापन नहीं किया जा रहा है। जिनके कारण 25 हजार के ऊपर के इनपुट मिसमैच राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के बावजूद सत्यापित नहीं हो पा रहे है। अधिकांश मांग राशि इसी से संबंधित है जो वसूली योग्य भी नहीं है।
राज्य में लागू नहीं हुई एमनेस्टी स्कीम
पत्र में सीएम को बताया गया है कि सीएम ने अपने बजट भाषण में स्पष्ट रूप से ब्याज एवं शास्ति माफी योजना लाने का वचन दिया गया था लेकिन आज तक एमनेस्टी स्कीम राज्य में लागू नहीं की गई है जबकि सीएम की ओर से भूमिकर, स्टाम्प ड्यूटी इत्यादी में एमनेस्टी स्कीम में अधिसूचित कर दिया गया है। सीएम से वाणिज्य कर विभाग को इस संबंध में आदेश देकर राजस्थान के व्यापार और उद्योग को इस विकट स्थिति में राहत दिलवाने की मांग की है।
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