चुनावी मैदान में इतना सन्नाटा क्यूं है भाई, कहां गए वे लोग
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। चुनावी मैदान में इतना सन्नाटा क्यूं है भाई, कहां गए वे लोग, राजनीतिक दलों से बीकानेर पश्चिम और बीकानेर पूर्व से टिकट की मांग करने वाले उम्मीदवार टिकटों की घोषणा होने के बाद से क्या कर रहे हैं इसके बारे में अधिकांश टिकट की चाह करने वालों की खामोशी हैरान करने वाली है।
कुछ उम्मीदवारी लगाए बैठे लोगों ने जरूर इस शांत चुनावी सागर में एक पत्थर फेंक कर हलचल की मगर अधिकांश उचित समय के इंतजार में बैठे हैं। भारतीय जनता पार्टी में बीकानेर पश्चिम व बीकानेर पूर्व विधानसभा सीट से टिकट मांगने वालों की लंबी लाइन लगी थी। जब से पार्टी ने दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारें हैं तब से बाकी टिकट मांगने वाले उम्मीदवार लगता है नेपथ्य में चले गए हैं।
टिकट वितरण के बाद से कोई खास गतिविधि नहीं
अनेक कर्मचारी नेताओं में भंवर पुरोहित, महेश व्यास, दिलीप जोशी आदि की टिकट वितरण के बाद से कोई खास गतिविधि लोगों के ध्यान में नहीं आ रही है। वे पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार में जुट गए हैं अथवा स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने पर आमादा है कहा नहीं जा सकता।
भाजपा में बीकानेर पूर्व से जिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने टिकट के लिये माथापच्ची की थी उन्होंने जरूर पार्टी उम्मीवार घोषित होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। इनमें महावीर रांका ने परिवर्तन पैदल मार्च निकालकर पार्टी को अपनी हैसियत के बारे में बताया।
सोशल मीडिया पर रखा अपना पक्ष
वहीं सुरेन्द्र सिंह शेखावत के समर्थकों ने जरूर एक-आध दिन अपना विरोध जताया और खुद सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने टिकट घोषणा के दो-तीन दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ी और जनता के समक्ष सोशल मीडिया के माध्यम से अपना पक्ष रखा।
बीकानेर पूर्व से ही भाजपा की टिकट मांगने वाले दिलीप पुरी ने पार्टी उम्मीदवार को अपने कार्यालय पर बुलाकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया। बीकानेर पश्चिम में जेठानंद व्यास को टिकट देने के बाद उम्मीदवारी करने वाले अरुण आचार्य प्रत्श्याशी के पक्ष में उतर गए हैं।
पार्टी के खूंटे से बंधे हुए हैं
शहर भाजपा अध्यक्ष विजय आचार्य पार्टी के खूंटे से बंधे हुए हैं इसलिये उनको तो पार्टी प्रत्श्याशी के पक्ष में उतरना ही पड़ा है। और भी अनेक उम्मीदवार जैसे अविनाश जोशी, गोकुल जोशी सक्रिय हो गए हैं। नामांकन भरने की आखिरी तारीख 6 नवंबर तक कौन पार्टी उम्मीदवार के सामने मैदान में स्वतंत्र अथवा दूसरी किसी पार्टी की ओर से मैदान में उतरता है यह देखना बाकी है।
कांग्रेस में राजकुमार ने मचाई खलबली
बीकानेर पश्चिम में कांग्रेस के परंपरागत और पिछले 10 चुनावों लगातार उम्मीदवार बनने वाले शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद उनके ही एक पुराने कार्यकर्ता और कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में सकिय रहे राजकुमार किराड़ू ने विरोध का झंडा उठा रखा है। राजकुमार की इस खलबली का कितना असर चुनाव पर होगा चुनावी पंडित अभी कोई भविष्यवाणी करने में अपने को सक्षम नहीं पा रहे हैं। राजकुमार के अलावा अधिक मुखर विरोध किसी का सामने नहीं आया है।
यशपाल को यस या नो…
बीकानेर पूर्व में कांग्रेस के कई उम्मीदवार अभी टिकट की आस में घोषणा की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। यहां भी यह देखना दिलचस्प होगा कि यशपाल के लिये यस होगा या नो।
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