ना फरियाद ना सुनवाई, खाकी करे वही सही
पंचनामा : उषा जोशी
* ना फरियाद ना सुनवाई, खाकी करे वही सही
जांगळ देश में रात को गश्त पर निकले खाकीधारियों का अपना अलग राज होता है। उस समय लोगों में खाकी का इतना खौफ रहता है कि आम लोगों को भी ना फरियाद ना सुनवाई, खाकी करे वही सही वाला मामला ही अधिक कारगर दिखाई देता है।
हाल ही में रात की गश्त के दौरान कुछ लोगों ने बीच सड़क पर मोबाइल चोरी कर ले जाने वाले युवक को दबोच लिया। अचानक मौके पर पहुंचे खाकीवीरों के सामने ही खाकीवीरों के सामने कूट भी दिया।
अपने सामने कानून हाथ में लेने पर भन्नाए खाकीवीरों ने मोबाइल उठाकर लाने वाले को तो छोड दिया मगर जिनका मोबाइल चोरी हुआ व जिसने मोबाइल चुराकर लाने वाले को पीटा उसे ही दबोच कर अपनी जीप में पटक दिया।
मौके पर एकत्र लोगों ने जब खाकीवीरों की इस कार्रवाई का विरोध किया तो खाकीवीरों ने युवक को गाड़ी से नीचे उतार दिया। मोबाइल चोरी की वारदात पर परस्पर झगड़ रहे युवकों ने खाकीवीरों से पंडा छुड़ाने के लिये कह दिया कि मजाक में मोबाइल उठा लाया था, हम तो केवल अब बात कर रहे हैं।
खाकीवीरों ने भी इस पचड़े में नहीं पड़ कर अपने विवेकाधिकार से युवकों को यूं ही बात करते हुए छोड़कर चलना बेहतर समझा।
* इंतहा हो गई इंतजार की…
आला खाकीधारियों के तबादले की सूची का इंतजार करने वाले तथा खुद आला खाकीधारी भी अब उंघते नजर आ रहे हैं। तबादला सूची अब आये तब आये इस इंतजार में कई राते खराब कर चुके खाकीधारियों ने अब चैन की नींद सोने का मानस बना लिया है मगर नींद है के आती ही नहीं है।
चार महीने से हर दिन ये ही लगता रहा कि आज सूची आ जाएगी मगर साहब फूल वाली सरकार ने तो सूची जारी की ही नहीं है। जांगळ प्रदेश के तीन आला खाकीधारी को तो तबादला सूची जारी होने का अधिक इंतजार दिखता है।
आगे किस जगह पोस्टिंग होगी, क्या काम मिलेगा इसे लेकर बड़े खाकीधारी साहब योजना नहीं बना पा रहे हैं। खाकी महकमे के लोगों का भी मानना है कि लॉयन, टाइगर व एसीबी टाइगर का नंबर तो सूची में तय है।
हालांकि अनेक खाकीधारी ऐसे भी हैं जो टाइगर का फिफ्टी फिफ्टी का चांस मानते है जबकि लॉयन व एसीबी टाइगर की बदली तय मान रहे हैं।
* सीने में जलन, आंखों में तुफान सा क्यूं है…
जांगळ देश में इन दिनों ट्रांस जेण्डर यानि किन्नर समाज के कारण तीन थानों की पुलिस काम पर लगी हुई है। जहरखुरानी के शिकार एक युवक ने अपने आप को साधारण युवक बताते हुए किन्नरों द्ववारा जबरन किन्नर बनाये जाने का मामला दर्ज कराया था।
इस मामले ने अब खाकी को भी उलझा कर रख दिया है। वहीं किन्नर समाज के लोग अब टाइगर से मुलाकात कर अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा साबित करने का दावा कर रहे हैं। हुआ यूं कि एक किन्नर बताये जाने वाले युवक ने नींद की गोलियां अधिक खा ली थी।
जब उसे अस्पताल लाया गया तो मामला गंगाशहर थाने का माना गया। गंगाशहर व नयाशहर थानेदारों ने अपने अपने इलाके का नहीं होने की बात कही।
बाद में किन्नर बताया जाने वाला युवक नयाशहर का माना गया। उसके बाद इस विवाद में किन्नरों के दो गुट आपस में भिड़ गए जिसका मामला कोतवाली थाने में दर्ज किया गया है। विवाद अब भी जारी है। खाकी काम पर लगी हुई है।
साभार – दैनिक नवज्योति बीकानेर।
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