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व्याख्याता से प्रधानाचार्य पद की रोकी गई डीपीसी तुरंत करवाने की मांग

The withheld DPC of the post of Principal from the lecturer should be done immediately.

बीकानेर, (समाचार सेवा)। व्याख्याता से प्रधानाचार्य पद की रोकी गई डीपीसी तुरंत करवाने की मांग, राजस्थान राजपत्रित अधिकारी संघ (विद्यालय शिक्षा) ने व्याख्याता से प्रधानाचार्य पद की रोकी गई डीपीसी सत्र( 2020-21) व सत्र (2021-22) को तुरंत प्रभाव से करवाने की मांग की है।

संघ का कहना है कि व्याख्याताओं के हितों को बाधित करने की साजिश के तहत एवं प्रधानाध्यापक के हितों को सुरक्षित करने के लिए व्याख्याताओं की डीपीसी रोकी जा रही है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष करण दान रत्नू, प्रदेश महामंत्री मोहम्मद हारून, प्रदेश संयुक्त महामंत्री कपिल भार्गव, प्रदेश संगठन मंत्री हनुमान गोयल एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सुमन बुगोलिया ने मुख्यमंत्री, शिक्षा राज्यमंत्री, प्रमुख शासन सचिव शिक्षा विभाग 2, निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि

व्याख्याता से प्रधानाचार्य की डीपीसी में सत्र (2011-12) के सभी वर्गों (अनारक्षित , एसटी, एससी) की मात्र 148 क्रमांक तक की ही पदोन्नति हुई है जबकि प्रधानाध्यापक माध्यमिक में पुरुष और महिला दोनों संवर्गों में 2014 -15 तक के सभी पात्र प्रधानाध्यापक पदोन्नत हो चुके हैं।

प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए योग्यता एवं अन्य सभी मापदंड समान होते हुए भी प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में 6-7 साल का अंतर आ रहा है जो एक गंभीर विसंगति है। इससे व्याख्याताओं में असंतोष पनपता जा रहा है। व्याख्याताओं की डीपीसी समय पर नहीं होने से सर्वाधिक नुकसान व्याख्याताओं को उठाना पड़ रहा है।

भविष्य में होने वाली पदोन्नति में उन्हें कागजी पदोन्नति मिलेगी जो उनके हितों के साथ कुठाराघात है पदोन्नति करने में विलंब करने के कारणों की जांच करवा कर दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही  की मांग करते हुए संघ ने शीघ्र 2020-21 व 2021-22 की पदोन्नति करने की मांग की है।

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